-
दोनों नावों में सवार 232 लोगों को बचाया गया, खोज अभियान पर हेलीकॉप्टर तैनात
-
समुद्र में फंसी नावों को बचाने के लिए नौसेना-तटरक्षक बल ने तेज किया मिशन
नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान ताउते से अरब सागर में पैदा हुईं बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में फंसकर दो बड़ी नावें मुंबई के पास डूब गईं हैं। इनमें सवार 410 लोगों में से 232 लोगों को नौसेना और तटरक्षक बल के संयुक्त ऑपरेशन में सुरक्षित बचा लिया गया है और अभी भी 178 लोग लापता हैं। तूफान गुजर जाने के बाद नौसेना और कोस्ट गार्ड ने समुद्र में फंसी नावों को बचाने के लिए राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिया है। भारतीय नौसेना ने हेलीकॉप्टर पी-8आई और कई जहाजों को भी इस मिशन पर लगाया है।
अरब सागर में सोमवार को चक्रवाती हवाओं और ऊंची उठती समुद्री लहरों के बीच दो बड़ी नावें बार्ज पी-305 और ओएनजीसी की नाव बार्ज गैल कंस्ट्रक्टर इंजन की खराबी के कारण तूफान के तेज प्रवाह में फंस गईं। बार्ज पी-305 पर 273 और बार्ज गैल कंस्ट्रक्टर पर 137 लोग सवार थे। बार्ज गैल कंस्ट्रक्टर चक्रवाती तूफान के बाद पानी के तेज बहाव के साथ कोलाबा पॉइंट के उत्तर में लगभग 48 समुद्री मील दूर चली गई। हालांकि दोनों नावों को भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल ने सोमवार की देर शाम ही ढूंढ निकाला और जहाजों में फंसे 410 कर्मियों को बचाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया। नौसेना ने अत्यंत चुनौतीपूर्ण समुद्री परिस्थितियों में आईएनएस कोच्चि, आईएनएस कोलकाता और 18 अपतटीय सहायता पोत एनर्जी स्टार को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया।
समुद्र में फंसे इन दोनों नावों को सहायता देने के लिए एक आपातकालीन रस्सा पोत ‘वाटर लिली’ रात में ही पहुंच गया। सोमवार को रात 11 बजे तक बार्ज पी-305 से 60 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया दोनों नावों पर सवार बाकी बचे अन्य लोगों को बचाने के लिए पूरी रात नौसेना और तटरक्षक बल का ऑपरेशन चलता रहा। आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता ने रात भर बचाव के प्रयास जारी रखे। इनके साथ ऑपरेशन में ऑफशोर सपोर्ट वेसल एनर्जी स्टार और ग्रेट शिप अहल्या भी शामिल हो गए। मंगलवार दोपहर तक बार्ज पी-305 पर सवार कुल 177 लोगों को बचा लिया गया है। आज सुबह का उजाला होने के साथ ही भारतीय नौसेना ने हेलीकॉप्टर पी-8आई को भी खोज अभियान पर लगा दिया है।
इसके अलावा कोलाबा पॉइंट के उत्तर में लगभग 48 समुद्री मील दूर फंसी ओएनजीसी की नाव बार्ज गैल कंस्ट्रक्टर में सवार 137 लोगों को बचाने के लिए नेवी की ओर से सपोर्ट भेजा गया था। इस नाव को बचाने के लिए तटरक्षक बल ने अपने जहाज आईसीजीएस सम्राट को सतपाटी से और अन्य 4 जहाजों को महाराष्ट्र और गुजरात से समुद्र की लहरों के बीच डायवर्ट किया। इसके अलावा इंडियन कोस्ट गार्ड ने चेतक हेलीकॉप्टर को बचाव कार्य में लगाया, जिसने 55 लोगों को एयरलिफ्ट करके सुरक्षित रूप से पास के वाडरई तट पर स्थानांतरित कर दिया है। अभी भी बाकी बचे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। तटरक्षक बल के जहाज समर्थ ने एक तेज अभियान में गोवा तट पर मिलाद नामक मछली पकड़ने वाली नाव से 15 चालक दल को बचाया। चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं और सुरक्षा के लिए नाव को किनारे पर ले जाया जा रहा है।
दीव-ऊना में लैंडफॉल के बाद चक्रवात आगे उत्तर की ओर बढ़ गया है। भारतीय सेना की जिन 6 टीमों को कल गुजरात के जूनागढ़ ले जाया गया था, उन्हें अब जिला प्रशासन के अनुरोध पर राहत कार्य के लिए अमरेली ले जाया गया है। दीव के स्थानीय लोग चक्रवात के बाद फैले मलबे को साफ करने और उन्हें आवश्यक आपूर्ति की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सेना की टीमों को धन्यवाद दे रहे हैं। ऊना और अमरेली के इलाकों में हवा की रफ़्तार बहुत ज़्यादा होने से काफी सड़कें ब्लॉक हो गई हैं। सेना के साथ जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम नुकसान का जायजा ले रही हैं और मदद कर रही हैं। एनडीआरएफ गांधीनगर के डिप्टी कमांडेंट रणविजय कुमार सिंह के मुताबिक चक्रवाती तूफान से अमरेली में काफी नुकसान हुआ है। अभी भी तेज़ हवा चल रही है और बारिश हो रही है।
साभार-हिस