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गवर्नर जगदीप धनखड़ ने जांच की दी अनुमति
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में ममता बनर्जी के बेहद करीबी मंत्री फिरहाद हकीम को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार सुबह सीबीआई की टीम चेतला स्थित मंत्री के आवास पर गई और घर के अंदर ही उन्हें घेर लिया। सीबीआई के साथ सेंट्रल फोर्स के जवान भी थे। थोड़ी देर बाद सीबीआई हकीम को लेकर बाहर निकली और गाड़ी में बैठा कर ले गई। जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि राज्य के परिवहन मंत्री हकीम पूछताछ के लिए बार-बार नोटिस के बावजूद सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
इधर मंत्री ने दावा किया है कि विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बगैर उन्हें गिरफ्तार किया गया है। हालांकि जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि जब राज्य विधानसभा का सत्र शुरू नहीं हुआ था, तभी हकीम के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। उस समय नियमानुसार राज्यपाल की अनुमति की आवश्यकता थी और गवर्नर जगदीप धनखड़ ने इसकी अनुमति पहले ही दे दी है। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति की जरूरत नहीं है।
गौरतलब है कि 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने नारद स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया था। इस में सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कई बड़े नेता कैमरे के सामने पांच लाख रुपये घूस लेकर एक फर्जी कंपनी को कारोबार में मदद करने का आश्वासन देते नजर आए थे। इसमें मंत्री फिरहाद हकीम भी शामिल थे। एक फर्जी कंपनी के सीईओ बने नारद न्यूज़ पोर्टल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मैथ्यू सैमुअल के स्टिंग ऑपरेशन में हकीम का जो वीडियो सामने आया था, उसमें वह कहते नजर आए थे, “पांच लाख से क्या होगा? बाल बच्चे हैं। यह तो बहुत कम है और देना होगा।”
पिछले पांच साल से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी लेकिन अभी तक कोई बड़ी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। इसके अलावा इस स्टिंग ऑपरेशन में तत्कालीन तृणमूल के कई बड़े नेता फंसे थे, जिनमें मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं। ये दोनों फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। शुभेंदु अधिकारी राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। तृणमूल कांग्रेस लगातार आरोप लगाती है कि इस मामले में भाजपा में जा चुके नेताओं के खिलाफ सीबीआई कोई एक्शन नहीं लेती।
उल्लेखनीय है कि हकीम ममता बनर्जी के बेहद करीबी नेता हैं और राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री भी रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें मंत्रिमंडल में जगह देने के साथ-साथ कोलकाता नगर निगम का प्रशासक भी बनाया है। इस बार कैबिनेट में उन्हें परिवहन मंत्रालय दिया गया है।