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मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जताया शोक
भुवनेश्वर. प्रसिद्ध मूर्तिकार, पद्म विभूषण तथा राज्यसभा सांसद रघुनाथ महापात्र का आज शाम एम्स में निधन हो गया. वह 78 साल के थे. महापात्र कोरोना पाजिटिव पाये जाने के बाद दो सप्ताह से अधिक समय तक एम्स भुवनेश्वर में भर्ती थे.
उन्हें 2013 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. महापात्र ने 2,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है और कई स्मारकों को पुनर्स्थापित किया है. महापात्र को जुलाई, 2018 में भारत के राष्ट्रपति ने कला, संस्कृति और विरासत के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया था.
महापात्र के बेटे प्रशांत और जसवंत का भी कोविद-19 का इलाज चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले उनके स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए जसवंत से बात की थी. महापात्र आईसीयू में थे. अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि उनकी हालत आज दोपहर बिगड़ गई और प्रख्यात मूर्तिकार कोविद के खिलाफ लड़ाई में हार गए.
पुरी में जन्मे महापात्र को 1976 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति फकीरुद्दीन अली अहमद द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया था और 2001 में पद्म भूषण पुरस्कार भी मिला था. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने 2000 में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद में उन्हें एक सदस्य के रूप में नामित किया गया था.
उनके निधन से ओडिशा में कला जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मूर्तिकार और सांसद रघुनाथ महापात्र के निधन ने मुझे गहरा दुःख पहुंचा है. ओडिशा की कला और संस्कृति के लिए उनका योगदान बेजोड़ है और उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा. मैं उनकी अमर आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और उनके परिवार के लिए गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.
इधर, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने महापात्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि मैं उनके निधन की खबर सुनकर हतप्रभ हूं. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.
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