रांची. एनटीपीसी विद्युत उत्पादन में अग्रणी है एवं जिम्मेदार विद्युत उत्पादक कंपनी होने के नाते सामाजिक कल्याण के हर क्षेत्र में आगे बढ़कर सहयोग करती है। एनटीपीसी की पकरी बरवाडीह कोयला खनन परियोजना द्वारा रिम्स, रांची को अस्पताल के 16 वार्डों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए 332 बिस्तरों पर ऑक्सीजन पाइपलाइन बिछाने के लिए रु.45 लाख की सहायता प्रदान कर रही है। इस चार मंजिला इमारत में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। वर्तमान में 150 बिस्तरों को मरीजों की भर्ती के लिए इस सप्ताह के अंत तक तैयार कर लिया जाएगा, बाकी काम भी इस माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।
इस सुविधा के आरंभ होने पर रिम्स अस्पताल में कोविद-19 के मरीजों को ऑक्सीजन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही झारखंड के आसपास के राज्यों को भी यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
हजारीबाग के शेख भिखारी अस्पताल में भी स्थानीय प्रशासन की पहल पर पकरी बरवाडीह परियोजना द्वारा अस्पताल में उपलब्ध केंद्रीय ऑक्सीजन सिस्टम से जुड़े 84 वार्डों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। काम युद्धस्तर पर किया गया और 17.04.2021 को पूरा हुआ और कोविद रोगियों के इलाज के लिए स्थानीय प्रशासन को सौंप दिया गया। इसके साथ ही अस्पताल में 60 से 80 ऑक्सीजन से लैस बिस्तरों को भी किसी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त तौर पर तैयार किया जा रहा है। इस कार्य पर रु.24 लाख का खर्च आएगा, जो कि कंपनी द्वारा नैगम सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत खर्च किया जाएगा।
देश में कोविद-19 की विषम परिस्थितियों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है, जिससे कि अस्पतालों में अधिक से अधिक मरीजों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो सके और बीमारी से लड़ने में अस्पताल और स्थानीय प्रशासन को सहयोग मिल सके।
उपरोक्त के अतिरिक्त एनटीपीसी की तलाईपल्ली कोयला खनन परियोजना, छत्तीसगढ द्वारा रायगढ़ जिला प्रशासन को कोविद-19 से निपटने के लिए 15 लाख रुपए की सहायता प्रदान की गई है। इस राशि से चिकित्सा उपकरण और अन्य सहायता पहुंचाई जा रही है |
एनटीपीसी दुलंगा कोयला खनन परियोजना, ओडिशा द्वारा आस-पास के गांव में आर एंड आर के अंतर्गत रु.2 लाख की राशि से मास्क और सैनिटाइजर, खदान में काम करने वाले मजदूरों को रुपए 5 लाख की राशि के खाद्य पदार्थों का वितरित करने की योजना है। इस महामारी के कारण बाजार बंद कर दिए गए हैं ऐसे में खदान क्षेत्र में ही उन्हें खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।