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अच्छी नींद लेने और अधिक पानी पीने से बढ़ती है शरीर की प्रतिरोधक क्षमता
नई दिल्ली, कोरोना से 90 प्रतिशत से अधिक लोग अपनी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता की वजह से ठीक हो रहे हैं। कोरोना वायरस हो या कोई और बीमारी सभी से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ही काम आती है। मिट्टी, पानी, धूप, हवा से हर मरज का इलाज संभव है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियां बेहद कारगर साबित हो रही हैं। कोरोना संक्रमण में भी लोग भांप ले रहे हैं, गरारे कर रहे हैं और सूप, गर्म पानी पी कर इस बीमारी को ठीक कर रहे हैं। देश के प्राकृतिक चिकित्सक भी मानते हैं कि कोरोना से बचे रहने व संक्रमित हो जाने पर प्राकृतिक उपाय काफी हद तक कारगर है।
अधिक तरल व पानी लें और हल्का भोजन करें
इंडियन नेचुरोपैथी व योग ग्रैजुएट्स मेडिकल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार सिंह कहते हैं कि आज लोगों को अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर काम करना चाहिए। इसके लिए लोगों को अच्छी नींद लेनी चाहिए और अपने भोजन में तरल पदार्थ का सेवन अधिक करना चाहिए। वे कहते हैं कि अगर किसी को कोरोना हो भी जाए तो भी लोग घबराएं नहीं। बल्कि अपनी दिनचर्या में थोड़ा बदलाव लाएं। भोजन को हल्का रखें और तरल पदार्थ का सेवन ज्यादा करें। इससे शरीर में बीमारियों से लड़ने वाले सेल अधिक तेजी से वायरस से लड़ सकेंगे। सांस लेने में थोड़ी बहुत दिक्कत भी हो तो भाप लें और प्राणायाम करें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज से दिमाग भी शांत होता है और फेफड़े भी खुलते हैं।
काढ़ा अधिक न लें
काढ़ा के अधिक सेवन पर डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि किसी भी चीज का आवश्यकता से अधिक सेवन करना नुकसानदायक होता है। इसलिए काढ़ा दिन में दो बार सेवन करना बहुत है। लेकिन लोग घबराहट के मारे दिन में बहुत बार काढ़ा पी रहे हैं और भांप ले रहे हैं। वो नहीं करना है। सोने का समय तय करना बेहज जरूरी है। देखा गया है कि लोग इन दिनों ठीक तरह से सोते नहीं है जिसके कारण उन्हें बीपी, शुगर और पाचन तंत्र से जुड़ी कई बीमारियां हो जाती है।
जलनेती करें व सरसों की दो बूंद नाक में डालें
वहीं, प्राकृतिक चिकित्सक डॉ. शालु बताती हैं कि जल नेति, कुंजल क्रिया रोजाना करने से सांस के दोनों ट्रैक साफ रहते हैं और कीटाणु के फेफड़े तक पहुंचने की गुंजाइश कम हो जाती है। इसके साथ नाक में दो-दो बूंद सरसों का तेल का प्रयोग रोजाना करने की सलाह भी देती हैं। वे कहती हैं कि अगर फिर भी कोरोना हो जाए तो भी घबराएं नहीं। अगर बुखार है तो तुलसी, बड़ी इलायची, काली मिर्च और नींबू के छिलके का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार सेवन करें। बुखार उतर जाता है।
उपवास भी होता है कारगर
किसी भी तरह का बुखार हो तो भारी भोजन छोड़ना बेहतर है। दो-तीन दिन तक सिर्फ सूप और फलों के जूस का सेवन करने से बुखार और बीमारी दूर हो सकती हैं। सांस लेने में दिक्कत हो तो कपूर, अजवाइन और लौंग की पोटली बना कर रख लें। इससे काफी हद तक आराम आता है। इसके साथ प्रोनिंग विधि यानी पेट के बल सोएं। इसके साथ गहरी सांस लेने से भी आराम आता है। प्राकृतिक चिकित्सा के कुछ उपायों को रोजाना करने से लोग निरोगी रह सकते हैं। बशर्ते है कि लोग सकारात्मक बने रहे हैं और सुबह ओम का उच्चारण करें इससे दिमाग शांत रहता है।
साभार – हिस