Home / National / आस्था के महापर्व कुंभ के दूसरे शाही स्नान पर उमड़ा जनसैलाब

आस्था के महापर्व कुंभ के दूसरे शाही स्नान पर उमड़ा जनसैलाब

हरिद्वार, आस्था के महापर्व कुंभ के दूसरे शाही स्नान सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा स्नान किया। शाम को समाचार लिखे जाने तक हरकी पौड़ी पर अखाड़ों का शाही स्नान जारी है। हर की पैड़ी पर स्नान कर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।दोपहर तक श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, जूना अखाड़ा तथा महानिर्वाणी अखाड़े के साधु संतों ने स्नान कर लिया है। बैरागी अखाड़ों की तीनों अणियों निर्मोही, दिगंबर तथा निर्वाणी भी स्नान कर चुके हैं। श्री पंचायती उदासीन अखाड़ा बड़ा का स्नान जारी है।कुंभ के दूसरे शाही स्नान पर सर्वप्रथम श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के साथ आनन्द अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया। निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने सबसे पहले गंगा पूजन किया और अखाड़े के इष्ट देव कार्तिकेय भगवान की डोली को गंगा स्नान कराया। निरंजनी अखाड़े के साथ आनंद अखाड़ा के आचार्य बालकानंद गिरी ने भी स्नान किया और उनके साथी साधु संतों ने स्नान किया।
उनका स्नान संपन्न होने के बाद जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी की अगुवाई में जूना अखाड़े के संत महंतों ने गंगा में डुबकी लगाई। जूना अखाड़ा के साथ अग्नि, आह्वान तथा किन्नर अखाड़े ने भी स्नान किया। तीसरे क्रम पर महानिर्वाणी के साथ अटल अखाड़े के साधु संतों ने स्नान किया। संन्यासी अखाड़ों के स्नान के बाद बैरागी अखाड़ों की तीनों अणियों निर्मोही, दिगम्बर तथा निर्वाणी के संतों ने हरकी पैड़ी पहुंचकर स्नान किया। इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन अखाड़े की जमात स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंची। निर्मल अखाड़े के संतों ने गंगा में डुबकी लगायी। सबसे अंत में नया उदासीन अखाड़े के संतों ने स्नान किया।
अखाड़ों के शाही स्नान का सिलसिला प्रातः 8.30 बजे आरम्भ हुआ था। आठ बजे तक हरकी पैड़ी को आमजन से खाली करवा लिया गया था। आठ बजे से पूर्व आम जन ने हरकी पैड़ी पर स्नान किया। स्नान का सिलसिला देर रात से ही शुरू हो गया था। जो अनवरत सोमवार को देर शाम तक जारी रहा। शाही स्नान को देखते हुए मेला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर अर्द्धसैनिक, पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों के जवानों के साथ स्वंयसेवक भी व्यवस्था में जुटे रहे।
बाहर से आने वाले यात्रियों को भीड़ और पुलिस की व्यवस्था के कारण परेशानी उठानी पड़ी। पुलिस ने भीड़ को देखते हुए जगह-जगह डायवर्जन किया हुआ था। बाहर से आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की इच्छा हरकी पैड़ी पर स्नान की थी, किन्तु आमजन के लिए प्रातः आठ बजे से स्नान के लिए निषेध कर दिया गया था। इसके कारण हरकी पैड़ी पर स्नान की इच्छा लेकर आए लोग इधर-उधर भटकते रहे।
शाही स्नान के लिए निकले संतों और नागा संन्यासियों के दर्शन करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। सड़क के दोनों ओर लोगों का हुजुम इकट्ठा था। छतों पर भी बड़ी संख्या में लोगों ने इकट्ठा होकर संतों के दर्शन किए और उन पर पुष्पवर्षा की।
सोमवती अमावस्या का होता है विशेष महत्व
हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति आज के दिन गंगा में डुबकी लगाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज के दिन पीपल की परिक्रमा को शास्त्रों में सबसे शुभ माना गया है। मान्यता है कि पीपल में देवी-देवताओं का वास होने के कारण जब देवता पूजन से प्रसन्न होते हैं, तो व्यक्ति के सभी कष्टों का हरण होता है। सोमवती अमावस्या पर गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से सहस्रगुना अधिक पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
महाकुंभ के दूसरा शाही स्नान सोमवती अमावस्या के मौके पर अखाड़ों की भव्यता देखने को मिली। सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र किन्नर अखाड़ा बना रहा। दरअसल, किन्नर अखाड़े के साथ हजारों भक्त हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान के लिए निकले, जिनके ऊपर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा की गयी।हरकी पैड़ी पर सबसे पहले शाही स्नान निरंजनी अखाड़े ने किया। निरंजनी अखाड़ा अपने सहयोगी अखाड़े आनंद के साथ हरकी पैड़ी पर पहुंचा। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के साथ नेपाल के अंतिम राजा ज्ञानेंद्र वीर बिक्रम शाह शामिल रहे।
साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

नौसेना को मिले अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ जहाज

पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं दोनों जहाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *