1857 में देश की आजादी की पहली अलख जगाने वाले मंगल पांडे को ब्रिटिश सरकार ने 08 अप्रैल को फांसी दे दी। यह वही तारीख भी है, जब बहरे तंत्र और दुनिया तक भारत की स्वतंत्रता की आवाज पहुंचाने के लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जैसे आजादी के परवानों ने दिल्ली के सेंट्रल एसेंबली हॉल में बम धमाका किया। भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का कोलकाता में आज ही के दिन निधन हो गया। बंटवारे की सूरत में जब देश आजाद हुआ तो यही नेहरू-लियाकत समझौते की तारीख भी है।
मंगल पांडेः अपनी शहादत से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को स्वर देने वाले बैरकपुर रेजीमेंट के सिपाही मंगल पांडे को फांसी दी गयी। उनपर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ बगावत की चिंगारी भड़काने का इल्जाम था। 29 मार्च 1857 को बैरकपुर परेड मैदान में रेजीमेंट के अफसर पर उन्होंने हमला कर दिया था। 06 अप्रैल 1857 को कोर्ट मार्शल कर 08 अप्रैल को उन्हें फांसी दे दी गयी।
सेंट्रल एसेंबली हॉल में धमाकाः 08 अप्रैल 1929 को दिल्ली के सेंट्रल एसेंबली हॉल में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त जैसे क्रांतिकारियों ने बम धमाका किया। इसके जरिये क्रांतिकारियों का इरादा किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं बल्कि बहरे कानों तक आजादी की आवाज पहुंचाना था। इसलिए बम इस तरह फेंका गया कि किसी को नुकसान न हो। घटना को अंजाम देने के बाद इन क्रांतिकारियों ने वहां से भाग निकलने की बजाय हथियार सौंपकर बाकायदा अपनी गिरफ्तारी दी।
अन्य अहम घटनाएंः
1894- भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का कलकत्ता में निधन।
1950- भारत और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए नेहरू-लियाकत समझौता।
1973- बीसवीं शताब्दी के सबसे प्रभावी चित्रकार माने गए स्पेन के पाब्लो पिकासो का निधन।
2013- ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गेरेट थैचय का लंदन में निधन। थैचर ब्रिटेन के साथ-साथ किसी भी यूरोपीय देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं।
साभार – हिस
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