नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एसबीबीए) ने 15 मार्च से हाइब्रिड सुनवाई शुरू करने के लिए कोर्ट द्वारा जारी स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
एसबीबीए ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने एसओपी जारी करने से पहले उनसे सलाह नहीं ली। याचिका में कहा गया है कि न्यायिक प्रणाली में बार एसोसिएशन भी बराबर की हिस्सेदारी है। याचिका में कहा गया है कि एससीबीए इस बात को गंभीरता से महसूस किया है कि पिछले कुछ सालों से सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री बिना बार एसोसिएशन से सलाह लिये ही दिशानिर्देश जारी कर रही है। याचिका में कहा गया है कि चीफ जस्टिस के साथ एससीबीए की पिछले 1 मार्च को बैठक की थी। बैठक में चीफ जस्टिस ने कहा था कि जरूरी उपाय किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 5 मार्च को नोटिफिकेशन के जरिए बताया कि 15 मार्च से मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को निर्धारित पायलट के आधार पर अंतिम सुनवाई और नियमित मामलों को हाइब्रिड मोड के माध्यम से सुनवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के नोटिफिकेशन के मुताबिक सोमवार और शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही सुनवाई की जाएगी। मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को जिन कोर्ट में मामले अंतिम और नियमित सुनवाई के लिए लिस्ट होंगे, उस कोर्ट की बेंच कोर्ट रूम की क्षमता, पक्षकारों और मामलों की संख्या देखकर तय करेगी कि सुनवाई हाईब्रिड होगी या नहीं। कोरोना के दिशानिर्देश के मुताबिक एक कोर्ट रूम में एक साथ एक समय बीस से ज्यादा पक्षकार या वकील उपस्थित नहीं हो सकते। इससे ज्यादा होने पर कोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करेगी। हाईब्रिड सुनवाई का मतलब है कि फिजिकल के साथ-साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी सुनवाई होगी।
साभार-हिस
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