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जवान भी और नौजवान भी’ के सशक्तीकरण से रक्षा उद्योग होगा मजबूत
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रक्षा के पूंजीगत बजट में घरेलू खरीद के लिए एक हिस्सा आरक्षित किया गया
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आजादी के पहले हमारे यहां सैकड़ों ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां होती थीं। दोनों विश्व युद्धों में भारत से बड़े पैमाने पर हथियार बनाकर भेजे गए थे लेकिन आजादी के बाद अनेक वजहों से इस व्यवस्था को उतना मजबूत नहीं किया गया, जितना किया जाना चाहिए था। हमारी सरकार ने अपने इंजीनियरों-वैज्ञानिकों और तेजस की क्षमताओं पर भरोसा किया और आज तेजस शान से आसमान में उड़ान भर रहा है। रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भरता लाने के लिए हमें और ’जवान भी और नौजवान भी’ इन दोनों मोर्चों को सशक्तीकरण के रूप में देखना होगा।
प्रधानमंत्री सोमवार को रक्षा क्षेत्र में केंद्रीय बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर परामर्श के लिए एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। भारत ने डिफेंस से जुड़े ऐसे 100 महत्वपूर्ण डिफेंस आइटम्स की लिस्ट बनाई है, जिन्हें हम अपनी स्थानीय इंडस्ट्री की मदद से ही मैन्युफैक्चर कर सकते हैं। सरकारी भाषा में ये नकारात्मक सूची है लेकिन आत्मनिर्भरता की भाषा में ये सकारात्मक सूची है। यह वो पॉजिटिव लिस्ट है जिसके बल पर हमारी अपनी निर्माण क्षमता बढ़ने वाली है। इसके लिए टाइमलाइन इसलिए रखी गई है ताकि हमारे रक्षा उद्योग इन ज़रूरतों को पूरा करने का सामर्थ्य हासिल करने के लिए योजनाएं बना सकें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा के पूंजीगत बजट में भी घरेलू खरीद के लिए एक हिस्सा आरक्षित कर दिया गया है। मैं प्राथमिक क्षेत्र से अनुरोध करूंगा कि विनिर्माण के साथ-साथ डिजाइन और विकास में भी आप आगे आकर भारत का विश्वभर में परचम लहराएं। लघु उद्योग पूरे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए रीढ़ का काम करता है। आज जो रिफॉर्म्स हो रहे हैं, उसमें एमएसएमई को बहुत आजादी मिल रही है और उन्हें विस्तार करने के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है। देश में बनाये जा रहे डिफेंस कॉरिडोर स्थानीय लोगों को मदद करेंगे।
साभार-हिस