Home / National / कानूनी जगत में नया आयाम स्थापित करेगा आईआईएल, भुवनेश्वर – न्यायमूर्ति ललित

कानूनी जगत में नया आयाम स्थापित करेगा आईआईएल, भुवनेश्वर – न्यायमूर्ति ललित

  • कीट में आईआईएल, भुवनेश्वर की रखी गयी आधारशिला

अशोक पाण्डेय, भुवनेश्वर

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने कहा कि इण्डियन इंस्टीट्यूट आफ लॉ (आईआईएल), भुवनेश्वर कानून जगत में एक नया आयाम स्थापित करेगा. उन्होंने कहा कि बीसीआईटी और कीट डीम्ड विश्वविद्यालय के संयुक्त सहयोग से स्थापित इस आईआईएल, भुवनेश्वर का नया केन्द्र लीगल सतत शिक्षा के क्षेत्र में पहला और अभिनव प्रयास है, जो मील के पत्थर के रुप में भारत के प्रत्येक पेशेवर का सही मार्गप्रदर्शन करेगा. उन्होंने बताया कि परिवर्तन प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का शाश्वत सत्य है. न्यायमूर्ति लतिल बतौर मुख्य अतिथि यहां कीट में आयोजित आईआईएल भुवनेश्वर की आधारशिला समारोह को संबोधित कर रहे थे.

उल्लेखनीय है कि 20 फरवरी को पूर्वी भारत के ख्यातिप्राप्त डीम्ड विश्वविद्यालय कीट, भुवनेश्वर के कन्वेशन सेण्टर में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने भारतीय विधि संस्थान, भुवनेश्वर की विधिवत स्थापना की घोषणा की. इस मौके पर आमंत्रित सम्मानित अतिथि के रुप में भारतीय उच्चतम न्यायालय के मान्यवर न्यायाधीश भूषण रामकृष्णनन गवई तथा मान्यवर न्यायाधीश वी.रामासुब्रह्मण्यम उपस्थित थे. इस अवसर पर आमंत्रित विशिष्ट मेहमानों में मान्यवर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं चेयरमैन, बार काउंसिल आफ इण्डिया (बीसीआई) एवं बार काउंसिल आफ इण्डिया टस्ट (बीसीआईटी) मानन कुमार मिश्र, मान्यवर एडवोकेट जेनेरल ओडिशा अशोक परीजा, देवी प्रसाद धल, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं बीसीआईटी के कार्यकारी चेयरमैन एवं कीट-कीस के प्राणप्रतिष्ठाता, कंधमाल लोकसभा सांसद तथा बीसीआईटी के एसोसियेट मैनेजिंग ट्रस्टी प्रोफेसर अच्युत सामंत के साथ-साथ कटक उच्च न्यायालय, ओडिशा बार काउंसिल के मान्यवर सदस्यगण के साथ पूरे भारत के आईआईएल और बीसीआई के मान्य अधिवक्तागण आदि उपस्थित थे.

समारोह के सम्मानित अतिथि के रुप में न्यायमूर्ति भूषण रामाकृष्णनन गवई ने आईआईएल के नये केन्द्र को स्थापित करने के लिए बीसीआई तथा कीट को बधाई देते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने बताया कि 1988 में बीसीआई ने बैंगलोर में अपना पहला केन्द्र खोला, लेकिन आईआईएल का यह नया केन्द्र भुवनेश्वर का निश्चित रुप में लीगल जगत के शिक्षकों का दिशानिर्देशन देगा. इससे छात्रों में सांवैधानिक मूल्यों के प्रति आस्था,विश्वास बढ़ेगा जो आज की बहुत बड़ी आवश्यकता है.

समारोह के सम्मानित अतिथि न्यायमूर्ति रामाकृष्णन ने बताया कि आज पूरे भारत में कुल लगभग एक हजार लॉ स्कूल हैं, जो प्रतिवर्ष लगभग ढाई लाख लॉ स्नातक तैयार करते हैं. सच तो यह भी है कि आईआईएल का यह अभिनव प्रयास ऐकडेमिक तथा पेशेवर तालीम के मध्य सेतु का काम करेगा. अपने स्वागत संबोधन में मनन कुमार मिश्र ने बताया कि आज पूरे भारत में लॉ कौशल विकास प्रशिक्षण हेतु कोई भी इस प्रकार की शैक्षिक संस्था प्रशिक्षण संस्था नहीं है. इसलिए यह केन्द्र निश्चित रुप से लॉ शिक्षकों तथा लॉ छात्रों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी. गौरतलब है कि आईआईएल के भुवनेश्वर केन्द्र की स्थापना के लिए कीट अपनी तरफ से भूमि उपलब्ध कराएगा तथा भवन निर्माण में इन्फ्रास्क्चर आदि उपलब्ध कराने का वायदा किया है.

मिश्र ने यह भी बताया कि निःस्वार्थ समाजसेवा के लिए प्रो अच्युत सामंत ने आदिवासी बच्चों की उत्कृष्ट तालीम के लिए कीस जैसी विश्व विख्यात संस्था 1992-93 में खोली, जहां पर आज कुल लगभग तीस हजार आदिवाी बच्चे केजी कक्षा से लेकर पीजी कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करते हुए अपने जीवन का सर्वांगीण विकास करते हैं. आज कीस डीम्ड विश्वविद्यालय बन चुका है, जो भारत का ही नहीं अपितु पूरे विश्व का एकमात्र आदिवासी आवासीय विश्वविद्यालय बन चुका है. अपने संबोधन में ओडिशा ऐडवोकेट जेनेरल अशोक परीजा ने प्रो अच्युत सामंत को वेरी सिम्पल तथा सेल्फमेड बताते हुए उनके इस प्रयास की सराहना की तथा बताया कि आईआईएल, भुवनेश्वर भारत समेत ओडिशा के लिए गौरव की बात है.

अपने आभार में प्रो अच्युत सामंत ने बताया कि उनकी सरलता, सहजता तथा निःस्वार्थ समाजसेवा से संबंधित सभी कार्यों को सभी सराहते हैं, लेकिन आज जिस प्रकार की सराहना और अच्छे कार्यों हेतु प्रोत्साहन अपनी गरिमामयी उपस्थिति तथा अपने संबोधन से मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने, सम्मानित अतिथि मान्यवर न्यायाधीश भूषण रामकृष्णनन गवई तथा मान्यवर न्यायाधीश वी.रामासुब्रह्मण्यम आदि ने प्रदान की है, उसके लिए वे आजीवन कृतज्ञ रहेंगे. प्रो सामंत ने बताया कि उनके द्वारा स्थापित कीट डीम्ड विश्वविद्यालय मात्र 16 सालों में सफलता जो मुकाम प्राप्त कर चुकी है, वह एक असाधारण उपलब्धि है. प्रो अच्युत सामंत ने बीसीआई और आईआईएल के प्रति भी कृतज्ञता जताई. गौरतलब है कि प्रो एन एल मित्रा, भारत के लिजेण्डरी लिगल एडुकेशनिस्ट ने आईआईएल, भुवनेश्वर के खोले जाने आदि की विस्तृत जानकारी दी. कोरोना वैश्विक महामारी संक्रमण के उपारांत यह पहला ऐसा आयोजन रहा जिसमें निश्चित दूरी तथा अपने मुंह पर मास्क लगाकर सभी आमंतित्र मेहमान आदि पूरे अनुशासन के साथ उपस्थित थे. आयोजक प्रो अच्युत सामंत ने कीट-कीस स्वागत परिपाटी के तहत सभी आमंत्रित मेहमानों को पुष्पगुच्छ, शॉल, स्मृतिचिह्न तथा ओडिशा की अद्वितीय भेंट आदि प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया. आईआईएल,भुवनेश्वर के स्थापना समारोह के अंत में मानस रंजन महापात्र, वरिष्ठ अधिवक्ता एवं ओडिशा बार काउंसिल, स्पेशल कमेटी के माननीय सदस्य ने आभार प्रदर्शन किया.

 

 

 

 

 

 

 

 

Share this news

About desk

Check Also

नौसेना को मिले अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ जहाज

पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं दोनों जहाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *