कोलकाता, राज्यसभा से इस्तीफा देकर तृणमूल कांग्रेस से नाता तोड़ने की घोषणा कर चुके सांसद दिनेश त्रिवेदी ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी में जाने से कोई नहीं रोक सकता। एक निजी चैनल के कांक्लेव में संबोधित करते हुए त्रिवेदी ने दावा किया कि तृणमूल में रहते हुए उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को गाली देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।
अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत शुक्रवार को राज्यसभा की चलती कार्यवाही के दौरान इस्तीफा देने की घोषणा करने वाले त्रिवेदी ने कहा कि वह बेहद भावुक शख्स हैं। अगर पार्टी में रहते हुए आपको कहा जाए कि आप प्रधानमंत्री को गाली दीजिए, गृह मंत्री को गाली दीजिए तो वह क्यों ऐसा करेंगे? बंगाल की संस्कृति ऐसी नहीं रही है। त्रिवेदी ने कहा कि भाजपा से जुड़ना कोई गलत बात नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी उनके पुराने मित्र हैं। अगर वह भाजपा से जुड़ते हैं तो कोई रोक नहीं सकता। त्रिवेदी ने कहा- ‘मैं जो भी करता हूं, दिल से करता हूं। मैंने पहले से सोचकर इस्तीफा नहीं दिया, बस यह हो गया।
त्रिवेदी ने कहा कि हमें क्यों देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को गाली देनी चाहिए। बंगाल की संस्कृति में हिंसा और गाली की जगह नहीं है। मैंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमने की निंदा की थी, इसलिए मेरा विरोध किया गया। ममता बनर्जी से मेरा निजी तौर पर कोई मतभेद नहीं है। मैं उनकी बेहतरी के लिए कामना करता हूं। मेरा उनसे हाथ जोड़कर निवेदन है कि वह बंगाल में हिंसा न करें और हिंसा की निंदा करें। मेरे ऊपर बोझ था, अब इस्तीफा देने के बाद वह सिर से हट गया।
भाजपा में शामिल होने के सवाल पर भी दिनेश त्रिवेदी ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 1990 से उनके मित्र हैं। उनके लिए भाजपा के दरवाजे कभी बंद नहीं हुए। गृह मंत्री अमित शाह भी उनके दोस्त हैं। दोनों सिर्फ देश के बारे में सोचते हैं। मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब वह उनसे मिलने जाते थे।
साभार-हिस
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