विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री ने कहा कि एक साल की महामारी के बाद अब आशा की किरण दिखाई दे रही है। कोविड -19 ने विश्व अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया, लाखों लोग की नौकरियां गई और हजारों लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए। अब टीकाकरण शुरू हो गया है। विश्व की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे उभार की ओर हैं।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौती है। भारत स्पष्ट रूप से क्लाइमेट एक्शन में अग्रणी है। इस चुनौती से निपटने के लिए हमें एक व्यापक दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता है। व्यवहार परिवर्तन के लिए वर्तमान में वैश्विक जागरूकता लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति का सम्मान, संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग, जरूरतों को कम करना और कम साधनों में गुजारा करना ये सभी भारत की परंपराओं और वर्तमान प्रयासों के महत्वपूर्ण पहलू हैं। जी -20 देशों में भारत अपनी जलवायु परिवर्तन कम करने संबंधित अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के ट्रैक पर है।
साभार-हिस
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