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उत्तराखंड आपदाः प्रशासन ने नदियों के आसपास से लोगों को हटाया

  • धारी मंदिर को खाली कराया गया

देहरादून/नई टिहरी/पौड़ी, चमोली जिले के रैनी में रविवार सुबह ग्लेशियर टूटने से राज्य के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। चमोली से हरिद्वार तक अलर्ट जारी किया गया है। नदियों के आसपास रह रहे लोगों को वहां से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस प्राकृतिक आपदा में 100 से ज्यादा लोगों के लापता होने की आशंका है। भगीरथी नदी का पानी टिहरी डैम के जरिये रोका गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौके के लिए रवाना हो चुके हैं। राज्य के मुख्य सचिव ओम प्रकाश कंट्रोल रूम से हालात पर नजर रखे हुए हैं। सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। आला अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं।
टिहरी प्रशासन ने आपदा की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए दोपहर 12ः30 बजे टिहरी डैम के माध्यम से भगीरथी नदी का पानी रोक दिया है। पौड़ी की एसएसपी पी रेणुका देवी ने बताया कि पुलिस लाइन से फोर्स को श्रीनगर भेजा गया है। सीओ पौड़ी और सीओ श्रीनगर भी तैनात हैं। जल पुलिस और एसआरडीएफ भी तैनात हैं। नदी के 50 मीटर के दायरे को खाली करवा कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। डैम प्रबंधन से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। अब पानी का फ्लो कम हो गया है। स्थिति नियंत्रण में है।
पौड़ी के जिलाधिकारी ने बताया कि अधिकारी श्रीनगर रवाना हो चुके हैं। वह भी श्रीनगर जा रहे हैं। स्थिति अब नियंत्रण में है। श्रीनगर डैम से पानी छोड़ा जा रहा है। चमोली में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर पहुंच चुका है। धारी देवी मंदिर को खाली करा लिया गया है।
इस बीच अलकनंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन ने नदी किनारे से लोगों को हटा दिया है। नदी के आसपास रेलवे पुल के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को भी हटा दिया गया है। धारी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित लक्ष्मीप्रसाद पांडेय अपने अन्य पुजारी साथियों के साथ मंदिर में ही हैं। अलकनंदा के तेज बहाव का असर श्रीनगर में 3-4 घंटे बाद दिखेगा।

साभार-हिस

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