Home / National / आर्थिक समीक्षा – भारत ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सूचकांक में अपने रैंक में सुधार किया
वित्त मंत्री ने साइबर धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने पर दिया जोर
वित्त मंत्री ने साइबर धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने पर दिया जोर

आर्थिक समीक्षा – भारत ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सूचकांक में अपने रैंक में सुधार किया

इण्डो एशियन टाइम्स, ब्यूरो, नई दिल्ली

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक कोविद-19 महामारी जैसे अप्रत्याशित संकट और इससे उभरी चुनौतियों के बावजूद भी भारतीय अर्थव्यवस्था का औद्योगिक और बुनियादी ढांचा क्षेत्र सफलता के पथ पर अग्रसर रहा है। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कल संसद में आर्थिक समीक्षा, 2020-21 पेश की।

समीक्षा के अनुसार आईआईपी और आठ कोर इंडेक्स कोविद से पहले के स्तर तक पहुंच गए हैं। आईआईपी में रिकवरी की दर नवंबर, 2020 में नवंबर, 2019 की तुलना में 2.1 प्रतिशत से (-) 1.9 प्रतिशत पर आ गई, जोकि अप्रैल, 2020 में (-) 57.3 प्रतिशत थी। वृद्धि में सुधार का एक और पहलू यह है कि आईआईपी में शामिल वस्तुओं ने रिकॉर्ड स्तर पर वृद्धि दर्ज की। इन वस्तुओं की नवंबर, 2020 में वृद्धि दर 46.05 प्रतिशत थी, जो कि अप्रैल, 2020 से 5.87 प्रतिशत अधिक थी।

आर्थिक समीक्षा के अनुसार यह रिकवरी भारत की आर्थिक प्रगति के मजबूत युग की केवल शुरुआत ही है। आगे सुधार होने और औद्योगिक गतिविधियों में मजबूती आने, सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी करने, टीकाकरण अभियान और लंबे समय से लंबित सुधार उपायों को आगे बढ़ाने के संकल्प से मौजूदा रिकवरी मार्ग को बहु-प्रतिक्षित समर्थन मिलने का अनुमान है। यह उल्लेख करना जरूरी है कि देश में शुरू किए गए सुधार विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक व्यापक सुधारों में शामिल हैं।

समीक्षा में बताया गया है कि भारत सरकार ने एक नैदानिक और सुधार पैकेज (आत्मनिर्भर भारत अभियान) की घोषणा की है, जिसमें 29.87 लाख करोड़ रुपये का प्रेरक पैकेज शामिल है। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 15 प्रतिशत है। इसे अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए कुछ पहलों द्वारा भी मजबूती प्रदान की गई है। यह प्रेरक पैकेज विशेष रूप से कोविद-19 के खिलाफ लड़ाई में एमएसएमई को राहत और ऋण सहायता के लिए दिया गया है। आर्थिक समीक्षा में यह भी बताया गया है कि इन सभी पहलों से आर्थिक रिकवरी में सकारात्मक प्रभाव पड़ने की शुरुआत हो गई है।

समीक्षा में यह पाया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कोविद-19 महामारी के कारण ‘सदी में एक बार’ आने वाले संकट का मुकाबला किया है। इससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप करोड़ों लोगों की आजीविका पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। महामारी के प्रकोप से औद्योगिक क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। महामारी की अवधि के दौरान इस क्षेत्र ने भी तेजी से गिरावट को अनुभव किया है। हालांकि जैसे-जैसे महामारी समाप्त होने की प्रक्रिया की शुरुआत हुई है, इस क्षेत्र की रिकवरी भी शुरू हो गई है।

आर्थिक समीक्षा में यह बताया गया है कि भारत सरकार देश को विनिर्माण और आर्थिक गतिविधियों का वैश्विक केन्द्र बनाने के लिए व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। अनेक मौजूदा और युगों पुराने नियमों और विनियमों को सरल तथा युक्तिपूर्ण बनाने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। शासन को अधिक निपुण और प्रभावी बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी तथा एकल विंडो मंजूरी की शुरुआत ऐसे कुछ ठोस उपाय थे, जिन्हें सरकार ने व्यापार करने के माहौल में सुधार करने के लिए शुरू किया था। सरकार द्वारा की गई इन पहलों से भारत ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी)’ सूचकांक में अपने रैंक में सुधार किया है।

डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर), 2020 के अनुसार व्यापार करने में सुगमता सूचकांक (ईओडीबी) के अनुसार 2019 में 190 देशों में भारत 63वें स्थान पर आ चुका है। वर्ष 2018 में भारत इसी सूचकांक में 77वें नंबर पर था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों को अपनाते हुए भारत ने 10 में से 7 सूचकों में अपनी स्थिति को पहले से बेहतर बनाया है। डीबीआर 2020 ने यह दर्शाया है कि भारत लगातार तीसरी बार, सुधार करने वाले 10 देशों में से एक रहा है। भारत ने बीते 3 वर्षों में 67 स्थानों (रैंक) का सुधार किया है। सूचकांक में वर्ष 2011 से यह किसी भी बड़े देश द्वारा लगाई गई सबसे ऊंची छलांग है। आर्थिक समी़क्षा के अनुसार भारत में स्टार्टअप्स के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल की है। सरकार ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिये अनेक उपाय किये हैं। “स्टार्टअप्स” ऐसे उद्यमियों के लिये एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है, जिनके अंदर सामान्य से कुछ अलग हट कर काम करने की क्षमता है। ऐसे उद्यमी अपने लिये कुछ नये उत्पादों का निर्माण कर सकते हैं और साथ ही तेज़ी से बदलते विश्व को कुछ नया दे सकते हैं। भारत सरकार ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिये “स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया” पहल की शुरुआत की है। 23 दिसंबर 2020 तक सरकार ने 41,061 स्टार्टअप्स की पहचान की थी और 39000 से अधिक स्टार्टअप्स के द्वारा 4,70,000 नौकरियों के उत्पन्न होने की जानकारी मिली।

Share this news

About desk

Check Also

नौसेना को मिले अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस ‘सूरत’ और ‘नीलगिरी’ जहाज

पारंपरिक और अपारंपरिक खतरों का ‘ब्लू वाटर’ में मुकाबला करने में सक्षम हैं दोनों जहाज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *