भुवनेश्वर. कोरोना महामारी के कारण प्रवेश परीक्षा से वंचित छात्रों को बिना जेईई और ओजेईई के ही बी-टेक में दिखाला दिया जायेगा. इसके लिए ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने अनुमति प्रदान कर दी है. इसमें कहा गया है कि ओजेईई या जेईई में कोरोना के दौरान उपस्थित नहीं हुए छात्रों को प्रवेश स्तर की योग्यता और इसके द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों के आधार पर बीटेक प्रवेश दिया जायेगा. हालांकि इस निर्णय को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिली हैं. कुछ छात्रों को मानना है कि इस निर्णय से उन छात्रों को राहत मिलेगी, जो कोरोना महामारी के दौरान प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये थे. इससे उनका एक साल बर्बाद होने से बच जायेगा और यह निर्णय इंजीनियरिंग कॉलेजों में रिक्तियों को भी कम करेगा. हालांकि कुछ शिक्षाविदों का मानना है कि ओजेईई काउंसलिंग के पूरा होने के बाद छात्रों के प्रवेश के लिए उचित तौर-तरीके तय किए जाने चाहिए. वे यह भी मानते हैं कि प्रवेश प्रक्रिया में बार-बार संशोधन एक अच्छा संकेत नहीं है. उल्लेखनीय है कि छात्रों को प्लस 2 में अपने विषय के रूप में भौतिकी, गणित और रसायन विज्ञान की आवश्यकता होती है. यदि किसी छात्र के पास इन विषयों में कम से कम 45 प्रतिशत अंक हैं, तो उन्हें इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश मिलता है.
इससे पहले एक मामले की सुनवाई करते हुए ओडिशा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-2021 के लिए बी-टेक इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में छात्रों का प्रवेश लेने की अनुमति देने में कोई अनावश्यक बाधा उत्पन्न नहीं करें. यह मामला ओपेक की ओर से दायर किया गया था.