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विश्व के सबसे बड़े पर्यटक क्षेत्र के रूप में उभर रहा है केवड़िया: मोदी

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि केवड़िया विश्व के सबसे बड़े पर्यटक क्षेत्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि रेल संपर्क (कनेक्टिविटी) में सुधार के बाद एक लाख पर्यटक प्रतिदिन यहां जाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के वाराणसी सहित देश के विभिन्न स्थानों को केवड़िया (गुजरात) से जोड़ने वाली आठ रेलगाड़ियां को हरी झंडी दिखाने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इनकी मदद से अब दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तक पर्यटक रेल मार्ग से सीधे जा सकेंगे। इस दौरान उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर गुजरात में रेलवे से संबंधित कई अन्य परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।

मोदी ने कहा कि रेलवे के इतिहास में संभवत: पहली बार ऐसा हो रहा है जब एक साथ देश के अलग-अलग कोने से एक ही जगह के लिए इतनी ट्रेनों को हरी झंड़ी दिखाई गई हो। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमारे लिए ऐतिहासिक है यह एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने आज वाराणसी, दादर, अहमदाबाद, हजरत निजामुद्दीन, रीवा, चेन्नई और प्रतापनगर से केवड़िया के लिए 8 रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई है। उन्होंने कहा कि केवड़िया जगह भी ऐसी है जिसकी पहचान एक भारत-श्रेष्ठ भारत का मंत्र देने वाले, देश का एकीकरण करने वाले सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर बांध से है।

स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा पर्यटक पहुंचने लगे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवड़िया देश का तेजी से उभरता पर्यटक स्थल बन रहा है। उन्होंने कहा आज केवड़िया गुजरात के सुदूर इलाके में बसा एक छोटा सा ब्लॉक नहीं रह गया है, बल्कि केवड़िया विश्व के सबसे बड़े पर्यटक क्षेत्र के रूप में आज उभर रहा है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए अब स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा पर्यटक पहुंचने लगे हैं। अपने लोकार्पण के बाद करीब-करीब 50 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आ चुके हैं।

केवडिया के आदिवासी लोगों का जीवन भी बदलेगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल संपर्क बेहतर होने का फायदा केवल यह नहीं होगा कि बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचेंगे बल्कि यह केवड़िया जनजाति के जीवन स्तर में भी सुधार लाएगा। उन्होंने कहा कि इस रेल कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा लाभ स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने आने वाले पर्यटकों को तो मिलेगा ही, साथ ही ये केवडिया के आदिवासी भाई बहनों का जीवन भी बदलने जा रही है। मोदी ने कहा कि छोटा सा खूबसूरत केवड़िया इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे प्लान तरीके से पर्यावरण की रक्षा करते हुए इकोनॉमी और इकोलॉजी दोनों का तेजी से विकास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए पर्यटन के कारण केवड़िया के आदिवासी युवाओं को रोजगार मिल रहा है। यहां के लोगों के जीवन में तेजी से आधुनिक सुविधाएं पहुंच रही हैं।

पिछली सरकारों की कार्यप्रणाली पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने पूर्व की सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि बीते वर्षों में देश में रेलवे के पूरे तंत्र में व्यापक बदलाव करने के लिए काम किया गया। ये काम सिर्फ बजट बढ़ाना, घटाना, नई ट्रेनों की घोषणा करने तक सीमित नहीं रहा। ये परिवर्तन अनेक मोर्चों पर एक साथ हुआ है। उन्होंने कहा कि अब जैसे केवडिया को रेल से कनेक्ट करने वाले इस प्रोजेक्ट का ही उदाहरण देखें तो इसके निर्माण में मौसम और कोरोना महामारी जैसी अनेक बाधाएं आई। लेकिन रिकॉर्ड समय में इसका काम पूरा किया गया।

प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों शुरू किए गए माल गाड़ियों के विशेष गलियारे का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ ही समय पहले मुझे पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के एक बड़े सेक्सन का लोकार्पण करने का मौका मिला। इस प्रोजेक्ट पर 2006 से लेकर 2014 तक यानी लगभग 8 वर्षों में सिर्फ कागजों पर ही काम हुआ, 2014 तक 1 किमी तक भी ट्रैक नहीं बिछाया था। आज जब भारतीय रेल के ट्रांसफॉर्मेशन की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं तो उसके लिए उच्च दक्ष विशेषज्ञ मैनपॉवर और प्रोफेशनल्स भी बहुत जरूरी है। बड़ोदरा में भारत की पहली डीम्ड यूनिवर्सिटी की स्थापना के पीछे यही मकसद है।

भारत रत्न एमजी रामचंद्रन को किया याद
प्रधानमंत्री ने भारत रत्न एमजी रामचंद्रन को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि आज केवड़िया के लिए निकल रही ट्रेनों में एक ट्रेन पुरैच्ची तलैवर डॉ. एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से भी आ रही है। ये भी सुखद संयोग है।

साभार-हिन्दुस्थान समाचार

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