Home / National / धर्मेंद्र प्रधान ने उद्योग से निर्यात-केंद्रित होने का आग्रह किया

धर्मेंद्र प्रधान ने उद्योग से निर्यात-केंद्रित होने का आग्रह किया

  • निर्माण और बुनियादी ढांचे में इस्पात के लिए नए अवसरविषय पर आयोजित वेबिनार में भाग लिया

भुवनेश्वर. केन्द्रीय इस्पात और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज भारतीय इस्पात संघ द्वारा “निर्माण और बुनियादी ढांचे में इस्पात के लिए नए अवसर” विषय पर आयोजित वेबिनार को संबोधित किया.

प्रधान ने इस अवसर पर इस्पात उद्योग के प्रतिनिधियों से उद्योग को निर्यात-उन्मुख बनाने और वैश्विक आवश्यकताओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और ‘वोकल फॉर लोकल’ एक मजबूत घरेलू बाजार बनाने और घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के बाद वैश्विक बाजारों तक पहुंचने से सम्बंधित हैं. कोविद-19 के दौरान पीपीई किट विनिर्माण एक उदाहरण है, जिसमें भारत पहले शुद्ध आयातक था और अब देश, पूरी दुनिया में पीपीई किट का निर्यात कर रहा है. वैक्सीन उत्पादन में हमारी अंतर्निहित क्षमता इस तरह का एक और उदाहरण है. हमारा इस्पात क्षेत्र अधिक जीवंत, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और निर्यात केंद्रित होने की ओर अग्रसर है.

बुनियादी ढांचे केनिर्माण के बारे में प्रधान ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. इस यात्रा में बुनियादी ढांचे के विकास की अहम भूमिका होगी. हमारी सरकार 21वीं सदी के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचा बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. चाहे सड़क हो, रेलवे हो, आवास हो या तेल और गैस- हर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का निर्माण अभूतपूर्व गति से हो रहा है. 20 लाख करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर पैकेज बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर विशेष जोर देता है. इन सभी से इस्पात क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा.

मंत्री प्रधान ने यह भी कहा कि इस्पात लोगों की बेहतरी के लिए एक उत्प्रेरक हो सकता है और इसे पसंदीदा सामग्री बनाने से समाज अधिक मज़बूत होगा.

 

इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि देश में प्रति व्यक्ति इस्पात उपयोग, वैश्विक औसत का लगभग एक-तिहाई है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस अंतर को पाटने और देश में इस्पात के उपयोग को अगले स्तर तक ले जाने की तत्काल आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस्पात के उपयोग को बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने तथा विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मिश्रित विशिष्ट इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के तहत 6322 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. मुझे उम्मीद है कि भारतीय इस्पात संघ अधिक मूल्य संवर्धन पर काम करेगा और इस्पात क्षेत्र में अधिक से अधिक आत्मनिर्भरता लाने के लिए मिश्रित विशिष्ट इस्पात पर ध्यान केंद्रित करेगा.

वेबिनार में इस्पात मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, विशेषज्ञों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, बड़े उपयोगकर्ताओं और नियामकों ने भी भाग लिया. यह भारतीय इस्पात संघ द्वारा आयोजित दूसरा वेबिनार है.

Share this news

About desk

Check Also

गुजरात

क्या भारत अमेरिका की तरह कड़े कदम उठा सकता है?

निलेश शुक्ला, नई दिल्ली। बुधवार की सुबह, एक अमेरिकी सैन्य विमान भारत में उतरा, जिसमें …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *