कोलकाता,भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एक बार फिर पश्चिम बंगाल के दौरे पर आ रहे हैं। शनिवार को वह कोलकाता पहुंचेंगे जहां से सीधे बर्दवान जिले में जाएंगे। जिले के जगदानंदपुर गांव के पांच किसानों के घर से एक-एक मुट्ठी धान का संग्रह करेंगे। इसके बाद वहीं पर एक किसान के घर वह दोपहर का भोजन भी करेंगे। माना जा रहा है कि इस कदम से वह ग्रामीण बंगाल के बीच पार्टी की पैठ सुनिश्चित करना चाहते हैं।
इसके अलावा जिस बर्दवान जिले में उन्होंने अपने सारे दिन का कार्यक्रम तय किया है वहां के अध्यक्ष शुभेंदु अधिकारी रहे हैं जहां उनका बेहतर जनाधार है। माना जा रहा है कि वहां भाजपा के मौजूदा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भी नड्डा की रैली में शुभेंदु अधिकारी के नाम पर शामिल हो सकते हैं जिससे भीड़ अधिक होगी। इससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दोहरा दबाव बनाया जा सकेगा। लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी भाजपा वैसे भी इस समय राज्य में सत्ता का विकल्प बन चुकी है और अगर राज्य में पार्टी के शीर्ष नेताओं की रैली अथवा जनसभाओं में भारी भीड़ उमड़ती है तो इससे सत्तारूढ़ पार्टी पर मनोवैज्ञानिक दबाव भी बढ़ेगा। इसके अलावा पार्टी के कार्यक्रम में होने वाली भारी भीड़ राज्य के लोगों को अपना मनोभाव बदलने में भी मददगार साबित होगी।
इसके पहले जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बंगाल दौरे पर आए थे तब उन्होंने बीरभूम जिले में रोड शो किया था जहां लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा था। अब खबर है कि बर्दवान में जेपी नड्डा के रोड शो में भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ने वाली है। भाजपा सूत्रों ने बताया है कि कम से कम दो लाख लोगों की भीड़ एकत्रित करने का लक्ष्य लेकर पार्टी चल रही है जिसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। बर्दवान जिले में भाजपा का पहले से ही अपना एक जनाधार है और शुभेंदु अधिकारी के आ जाने के बाद इसमें और बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा भाजपा सूत्रों ने बताया है कि जेपी नड्डा कुछ मंदिरों में भी जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे। इससे बंगाल में पहले से कई खेमों में बंटे मुस्लिम वोट बैंक के मुकाबले हिंदू वोटों के ध्रुवीकरण में मदद मिल सकती है।
बंगाल में ओवैसी ने एंट्री ले ली है और मुस्लिम मतदाताओं को पहले से लुभा रहे हैं। इसके अलावा माकपा कांग्रेस गठबंधन भी मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने में जुटा हुआ है। ममता बनर्जी का अल्पसंख्यकों में अपना एक जनाधार पहले से है जिसके तीन खेमों में बंटने के आसार हैं। इस बीच अगर हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण होता है कि भाजपा के पक्ष में काफी मददगार साबित हो सकता है। साथ ही वह सांगठनिक बैठक भी करने वाले हैं। दरअसल उन्होंने भाजपा के 13 केंद्रीय नेताओं को बंगाल में जमीनी स्थिति का सर्वे करने का काम सौंपा है जिसमें कई केंद्रीय मंत्री और कुछ राज्यों के उप मुख्यमंत्री भी हैं। उन्होंने बंगाल में पार्टी की मौजूदा स्थिति की एक रिपोर्ट तैयार की है जिसे जेपी नड्डा को सौंपा जाना है। इस बारे में भी वह पूरी स्थिति का आकलन करेंगे।
साभार-हिन्दुस्थान समाचार