खोरीबाड़ी. सशस्त्र सीमा बल 19वीं वाहिनी द्वारा सशस्त्र सीमा बल की 57वां वर्षगांठ मनायी गयी. इस अवसर पर जवानों को संबोधित करते एसएसबी 19वीं बटालियन कमांडेट मितुल कुमार ने बताया कि सशस्त्र सीमा बल का गठन वर्ष 20 दिसंबर 1963 को शुरुआत में भारत-चीन युद्ध के बाद स्थापित किया गया था. बल का प्राथमिक कार्य भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आरएडब्लू) के लिए सशस्त्र सहायता प्रदान करना था, जिसका उद्देश्य सीमा की आबादी में राष्ट्रीयता की भावनाओं को उत्पन्न करना और प्रतिरोध के लिए अपनी क्षमताओं को विकसित करने में उनकी सहायता करना था. एसएसबी को भारत नेपाल सीमा (जून, 2001) के लिए बॉर्डर गार्डिग फोर्स और लीड इंटेलिजेंस एजेंसी (एलआईए) के रूप में घोषित किया गया था और 1751 किमी नेपाल सीमा और वर्ष 2004 में 699 किमी के भूटान की सीमाओं की रखवाली का काम सौंपा गया था.
तभी से बल नेपाल और भूटान से लगने वाली खुली अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा एवं प्रबंधन का दायित्व सम्भाल रहा है. इसके अलावा एसएसबी अलग-अलग राज्यों में जैसे जम्मू और कश्मीर में काउंटर- इंसजेंसी ऑपरेशन और झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों में भी संलग्न है. यह भारत के विभिन्न हिस्सों में आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों यानी चुनाव कर्तव्यों और कानून और व्यवस्था के कर्तव्यों का पालन भी भलिभांति कर रहा है. एसएसबी पहली सीमा रक्षक बल है, जिसने महिला बटालियनों की भर्ती करने का निर्णय लिया था. बल के दिशा निर्देशों व मार्गदर्शन के तहत हमारी वाहिनी ने इस वर्ष 2,44,62,054 /- रुपये की 72 जब्तियाँ के साथ 73 तस्करों को भी गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्यत: आर्स, एमुनेशन, नरकोटिक्स, वन उत्पाद और मवेशी शामिल हैं. सशस्त्र सीमा बल की 57वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर महानिदेशक ने वाहिनी के निम्नलिखित बल कर्मियों को उनके उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्यों के लिए विभिन्न तरह के पदकों से सम्मानित किया, जो हमारी वाहिनी के लिए बहुत ही गौरव एवं हर्ष का विषय है. उपकमांडेट नवीन कुमार राय – गोल्डेन डिस्क, उप कमांडेट कोजा राम लोमरोर – सिल्वर डिस्क, सहायक कमांडेट मेडिकल डॉ सुमित कुमार चौरसिया – डीजी डिस्क, उप निरीक्षक मैकेनिक सरत चन्द्र बोरो- आंतरिक सुरक्षा सेवा पदक, आरक्षी समान्य शिव कुमार सिल्वर डिस्क से सम्मानित हुए. इसी वर्ष हमारे वाहिनी के एक जवान ने अपनी ड्यूटी के दौरान देश की सुरक्षा, संप्रभुता एवं वाहिनी और बल के मान सम्मान के लिए अराजक तत्वों से लड़ते हुए सर्वोच्च त्याग एवं बलिदान दे दिया. 19वीं वाहिनी के सभी बल कर्मियों की तरफ से शहीद आरक्षी समान्य मानिकंदन पी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. अंत में कमांडेट मितुल कुमार ने बताया कि बल और वाहिनी की गरिमा को बनाए रखने में सभी बलकर्मी हमेशा की तरह इसी उत्साह और लगन के साथ देश की सेवा में अपना अहम योगदान देते रहेंगे.