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कर्तव्य और मानवता के लिए निःस्वार्थ समर्पण के साथ सेवा करने वाले सभी कोविद वॉरियर्स के महान बलिदान का सम्मान होगा
नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए सेंट्रल पूल एमबीबीएस सीटों के तहत उम्मीदवारों के चयन और नामांकन के दिशा-निर्देशों में ‘वार्ड ऑफ कोविद वॉरियर्स’ (कोविद योद्धाओं के बच्चे) नाम की एक नई श्रेणी शुरू करने के सरकार के फैसले की घोषणा की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कदम कोविद रोगियों के उपचार और प्रबंधन में कोविद वॉरियर्स द्वारा किए गए महान योगदान को गौरव प्रदान करना और सम्मानित करना है। उन्होंने कहा, “इससे कर्तव्य और मानवता के लिए निःस्वार्थ समर्पण के साथ सेवा करने वाले सभी कोविद वॉरियर्स के महान बलिदान का सम्मान होगा।”
सेंट्रल पूल एमबीबीएस सीटें उन “कोविद वॉरियर्स” के बच्चों में से उम्मीदवारों के चयन और नामांकन के लिए आवंटित की जा सकती हैं, जिन्होंने कोविद-19 के कारण अपनी जान गंवायीं; या जिनका कोविद-19 से जुड़ी ड्यूटी के कारण आकस्मिक रूप से निधन हो गया।
मंत्री ने सभी को यह याद दिलाते हुए कि भारत सरकार ने कोविद वॉरियर के लिए 50 लाख रुपए के बीमा पैकेज की घोषणा करते हुए कोविद वॉरियर की परिभाषा तय की है, कहा, “कोविद वॉरियर्स सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों सहित सभी के सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता हैं, जो कोविद-19 रोगियों के सीधे संपर्क आए हों और उनकी देखभाल की हो और जिन्होंने इससे प्रभावित होने का जोखिम झेला हो। इसमें निजी अस्पताल के कर्मचारी और राज्यों/केंद्रीय अस्पतालों/केंद्रीय/राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के स्वायत्त अस्पतालों, एम्स और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (आईएनआई)/ कोविद-19 से जुड़ी जिम्मेदारियों के लिए केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा ड्राफ्ट किए गए अस्पतालों के सेवानिवृत्त/स्वयंसेवक/स्थानीय शहरी निकाय/अनुबंधित/दैनिक वेतन/ तदर्थ/आउटसोर्स कर्मचारी सभी शामिल हैं।” उन्होंने साथ ही कहा कि राज्य/केद्रशासित प्रदेशों की सरकार इस श्रेणी के लिए पात्रता को प्रमाणित करेगी।
वर्ष 2020-21 के लिए इस श्रेणी में पांच (05) सेंट्रल पूल एमबीबीएस सीटें आरक्षित की गई हैं।
उम्मीदवारों का चयन मेडिकल काउंसिल कमेटी (एमसीसी) ऑनलाइन आवेदन के जरिए करेगी। यह चयन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित नीट-2020 परीक्षा में प्राप्त रैंक के आधार पर होगा।