नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 नवम्बर 2020 को पांचवें आयुर्वेदिक दिवस के अवसर पर जामनगर में आयुर्वेद शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) का वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से उद्घाटन करेंगे। इन संस्थानों से 21वीं सदी में आयुर्वेद की प्रगति और विकास में विश्व में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है।
2016 से प्रति वर्ष धन्वन्तरी जयंती को आयुर्वेदिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह 13 नवम्बर 2020 को है। आयुर्वेदिक दिवस उत्सव या पर्व से अधिक व्यवसाय और समाज के प्रति पुनर्समर्पण का अवसर है। कोविद-19 महामारी के प्रबंधन में आयुर्वेद की संभावित भूमिका इस वर्ष आयुर्वेदिक दिवस के आयोजन के केन्द्र में रहेगी।
भारत में जन स्वास्थ्य की चुनौतियों के लिए प्रभावी और सस्ते समाधान उपलब्ध कराने में आयुष स्वास्थ्य पद्धतियों की अभी तक उपयोग में नहीं आ सकी संभावनाओं का दोहन करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए आयुष शिक्षा का आधुनिकीकरण भी प्राथमिकता के क्षेत्र में है। इस उद्देश्य से पिछले तीन-चार वर्षों में कई कदम उठाए गए हैं। आईटीआरए, जामनगर को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में और एनआईए, जयपुर को विश्वविद्यालय दर्जा हासिल करने वाले संस्थान के रूप में राष्ट्र को समर्पित करना, न केवल आयुर्वेदिक शिक्षा के आधुनिकीकरण बल्कि परम्परागत औषधि के क्रमिक विकास में भी ऐतिहासिक कदम है। इससे उन्हें आयुर्वेदिक शिक्षा के मानकों को उन्नत बनाने, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मांग के अनुरूप विभिन्न पाठ्यक्रमों को तैयार करने और अधिक से अधिक प्रमाणों के लिए आधुनिक अनुसंधान में श्रेष्ठता प्राप्त करने के लिए स्वायत्तता प्राप्त होगी।
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