नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सीधे-सीधे पाकिस्तान को चुनौती देते हुए कहा कि पीओके भारत का इलाका है, जब तक इसे भारत के साथ फिर से नहीं जोड़ा जाता, तब तक एलओसी का स्थायी समाधान नहीं हो सकता। गिलगिट-बाल्टिस्तान और पीओके में किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई करने का हक पाकिस्तान को नहीं है। सिर्फ गैर कानूनी कब्जा कर लेने से पीओके पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं बनता है। आज वायुसेना के पास राफेल जैसे युद्धक विमान आ चुके हैं जिससे भारत की संप्रभुता, अखंडता, सीमा सुरक्षा के लिए किसी भी चुनौती का जवाब देने की हमारी ताकत काफी बढ़ चुकी है।
रक्षा मंत्री ने ‘भारत की बात: सीमाएं और हमारे पड़ोसी’ विषय पर एक वेबिनार में कहा कि आज का विषय बेहद संवेदनशील और राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ है, इसलिए बहुत कुछ खुल कर कहना तो मेरे लिए संभव नहीं होगा। मगर कुछ बातें मैं आपसे जरूर साझा कर सकता हूं जो आपको इस बात का पूरा भरोसा देगी कि देश सुरक्षित हाथों में है। भारत का मानना है कि जम्मू और कश्मीर तो कभी पाकिस्तान का था ही नहीं और पीओके तथा गिलगिट-बाल्टिस्तान पर उसका गैर कानूनी कब्जा है। इसका नाजायज फायदा उठा कर वह अब गिलगिट-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का राज्य बनाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की संसद में पीओके को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है कि वह भारत का एकमात्र हिस्सा है। पीओके का भारत के साथ एकीकरण होने के बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद का पूर्ण समाधान होगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 में और 1971 में दो युद्ध हुए जिनमें पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा। इन पराजयों ने पाकिस्तान के शासकों के सामने यह साबित कर दिया कि वे भारत के साथ पूर्ण पैमाने पर युद्ध करने की हालत में हैं। आतंकवाद के खिलाफ देश की सीमाओं के भीतर के अलावा जरूरत पड़ने पर सीमा पार जाकर भी आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का काम हमारी सेना के बहादुर जवान कर रहे हैं। आज पाकिस्तान यह बात समझ चुका है कि अब वह कश्मीर घाटी में बहुत कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं है। खासतौर पर अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद से पाकिस्तान इतना बौखलाया हुआ है कि अब वह अपने कब्जे वाले पीओके को पूरी तरह हड़पने का प्लान बना चुका है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ बालाकोट एयर स्ट्राइक करके ऐसी कठोर कार्रवाई की है जिसकी मिसाल कम से कम भारत के इतिहास में नहीं मिलती है। पाकिस्तान का भारत के खिलाफ आतंकवाद का मॉडल धीरे-धीरे ध्वस्त हो रहा है। इस वजह से पाकिस्तान को इतनी खिसियाहट है कि अब वे सीमा पर आए दिन संघर्ष विराम उल्लंघन में लगे रहते हैं। गिलगिट-बाल्टिस्तान और पीओके में किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई करने का हक पाकिस्तान को नहीं है। सिर्फ गैर कानूनी कब्जा कर लेने से पीओके पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं बनता है।
चीन के मुद्दे पर रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-चीन के बीच सीमा को लेकर एक अवधारणात्मक अंतर है। इसके बावजूद कुछ ऐसे समझौते और प्रोटोकॉल हैं जिनका पालन करते हुए दोनों देशों की सेनाएं एलएसी के पास पेट्रोलिंग करती हैं।एलएसी पर समस्या तब होती है जब चीन की सेना सहमत प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करती है। पीएलए को एकपक्षीय तरीके से एलएसी पर कार्रवाई करने की इजाजत हम किसी भी सूरत में नहीं दे सकते। भारत की सेनाएं सरहदों और सागर की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। सरकार की तरफ से उन्हें पूरा समर्थन और प्रोत्साहन मिला है। आधुनिक प्रौद्योगिकी और हथियार के साथ उन्हें लैस करना हमारी प्राथमिकता है ताकि सीमा पर पूर्ण शांति बनी रहे। उन्होंने कहा कि पांच राफेल विमान भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुके हैं। कल रात ही तीन और राफेल विमान भारत की धरती पर पहुंच गए हैं जिन्हें भी जल्द ही वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।
साभार- हिस