नई दिल्ली. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण जलापूर्ति मंत्रियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की और जल जीवन मिशन के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की। जल जीवन मिशन वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में नल जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया, हरियाणा और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों ने भी इस वर्चुअल बैठक में भाग लिया। इस बैठक का आयोजन योजना, कार्यान्वयन और अब तक हुई प्रगति के साथ-साथ आगे बढ़ने के रास्ते पर चर्चा करने के लिए किया गया था ताकि गांवों के बचे हुए घरों को जल्द से जल्द नल जल कनेक्शन मिले। बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कोविद-19 महामारी के बावजूद ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्य की प्रशंसा की। शेखावत ने आशा व्यक्त की कि सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ‘हर घर जल’ सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेंगे। उन्होंने जल जीवन मिशन को गति, स्तर और कौशल के साथ कार्यान्वित करने के लिए राज्यों द्वारा अनुसरण किए जाने वाले रोडमैप, योजना और प्रगति पर भी चर्चा की और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से इसके तीव्र कार्यान्वयन का आग्रह किया।
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रगति प्रस्तुत की और मिशन के लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए कार्यान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया ताकि प्रत्येक ग्रामीण घर को नल जल कनेक्शन मिल सके। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री ने ज्ञान संसाधन केंद्र पर दिशानिर्देश भी जारी किए जो कि संस्थानों को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न अधिकारियों की प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद करेगा।
इस वर्चुअल बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों, खासकर जिन महिलाओं को पानी के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है, के जीवन में गुणवत्ता लाने और उनके जीवन में सुगमता लाने के उद्देश्य से इस मिशन का शुभारंभ किया है। घरों को अच्छी गुणवत्ता का जल उपलब्ध कराने से स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार होगा। इस मिशन का उद्देश्य सभी को सिर्फ सुरक्षित जल उपलब्ध करवाना ही नहीं है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना भी है। सभी गावों में प्लंबिंग, चिनाई, इलेक्ट्रिकल, पंप ऑपरेटर जैसी कुशल श्रमशक्ति की आवश्यकता होती है जिसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और मार्गदर्शन में, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और आश्रमशालाओं (जनजातीय क्षेत्रों में आवासीय विद्यालय) में पाइप से जलापूर्ति का प्रावधान करने के लिए, 2 अक्टूबर 2020 को एक ‘100 दिवसीय’ अभियान शुरू किया गया जिसका उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास और अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध करवाना है। शेखावत ने कहा कि अब राज्य लॉकडाउन के बाद स्कूलों को दोबारा शुरू करके बच्चों का स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं और ऐसे में पीने योग्य पानी सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण हो जाता है। कोविड महामारी से सबसे महत्वपूर्ण बचाव नियमित रूप से हाथ धोना है जिसके लिए स्कूलों, आंगनबाड़ी और आश्रमशालाओं में पेयजल, मिड-डे मील बनाने के लिए, हाथ धोने और शौचालयों में प्रयोग के लिए पानी की नियमित आपूर्ति आवश्यक हो जाती है।
इस बैठक ने अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अच्छी चीज सीखने और कार्यान्वयन में तेजी लाने से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। सरकार का प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके लोगों के जीवन में सुधार लाना है और जल जीवन मिशन ‘हर घर जल’ सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।
कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन की 100 % कवरेज के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की समय-सीमा
2020 में 100% कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन : गोवा (लक्ष्य प्राप्त)।
2021 में 100% कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन : अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, बिहार, पुदुच्चेरी, तेलंगाना।
2022 में 100% कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन : हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मेघालय, पंजाब, सिक्किम, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश।
2023 में 100% कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन : अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, तमिलनाडु, त्रिपुरा।
2024 में 100% कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन : असम, आंध्र प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल।