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मेघालय में अन्य राज्यों के नागरिकों को प्रवेश करने से पहले कराना होगा अपना पंजीयन

  • राज्य मंत्रिमंडल ने एमआरआरएए अध्यादेश को दी मंजूरी

शिलांग – सिक्किम की तरह अब मेघालय में अन्य राज्यों के नागरिकों को प्रवेश करने से पहले कराना होगा अपना पंजीयन।  अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम में लागू इनर लाइन परमिट (आईएलपी) की तर्ज पर मेघालय में भी देश के अन्य राज्यों के नागरिकों को प्रवेश करने से पहले अपना पंजीयन कराना होगा। हालांकि इस व्यवस्था को आईएलपी नहीं कहा गया है, लेकिन प्रक्रिया जो अपनाई गई है, वह आईएलपी की तरह ही कमोबेश है। आईएलपी की देखरेख केंद्र सरकार करती है, जबकि मेघालय में पंजीयन और अनुमति की देखरेख का काम राज्य सरकार करेगी।  सिक्किम में भी प्रवेश से पहले उसकी सीमा पर बाहरी राज्यों के लोगों को अपना परिचय पत्र दिखाना अनिवार्य होता है।

उपमुख्यमंत्री प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने कहा कि संशोधन अध्यादेश के रूप में मौजूदा अधिनियम तुरंत लागू होगा और इसे अगले विधानसभा सत्र के दौरान पारित किया जाएगा। इसको पारित करने की आवश्यकता है, क्योंकि अध्यादेश की वैधता केवल छह महीने की है। नए विधेयक के लागू होते ही जो भी राज्य का दौरा करने का इरादा रखता है, उसे स्वयं को पहले पंजीकृत कराना होगा। उन्होंने ने यह भी स्पष्ट किया कि गैर-आदिवासी, जो राज्य के स्थायी निवासी हैं, नए संशोधित अधिनियम के दायरे में वे नहीं आएंगे। मेघालय के स्थायी निवासी चाहे वे आदिवासी हों या गैर आदिवासी, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह अधिनियम उन लोगों के लिए है जो राज्य में पर्यटकों, मजदूरों और व्यवसाय के लिए आने का इरादा रखते हैं। नए अधिनियम के तहत यहां आने वाले लोगों को कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

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