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कहा- देश के विकास में जनसंख्या विस्फोट सबसे बड़ी बाधा
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बैंगलोर की घटना पर तथाकथित बुद्धिजीवियों और छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों की चुप्पी को बताया भविष्य के लिए खतरनाक संकेत
भारत विश्व की लगभग 18% जनसंख्या का भार वहन कर रहा है, जबकि आबादी के अनुपात में उसका भूभाग बहुत कम यानि लगभग 2.4 % और जल 4% है. यही कारण है कि आज कोरोना संकट में सरकार के तमाम उपायों के बावजूद भी देश में संसाधन संकट उत्पन्न हो रहा है.
भुवनेश्वर. आज केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी के फेसबुक के माध्यम से आयोजित आनलाईन बैठक में देशभर से जुड़े संगठन के 55 हजार लाईव से जुड़े कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी और कुपोषण का मुख्य कारण बेतहाशा बढ़ती जनसंख्या है.
गिरिराज सिंह ने सुझाया कि जनसंख्या असंतुलन की इस समस्या के समाधान के लिए देश के सभी नागरिकों के लिए जाति, धर्म, क्षेत्र व भाषा से ऊपर उठकर समान रूप से जनसंख्या कानून लागू होना अति आवश्यक है. उन्होंने कहा कि महामारी से जूझते भारत के सामने इतनी भारी जनसंख्या एक भीषण चुनौती साबित हो रही है. भारत विश्व की लगभग 18% जनसंख्या का भार वहन कर रहा है, जबकि आबादी के अनुपात में उसका भूभाग बहुत कम यानि लगभग 2.4 % और जल 4% है. यही कारण है कि आज कोरोना संकट में सरकार के तमाम उपायों के बावजूद भी देश में संसाधन संकट उत्पन्न हो रहा है.
आन-लाइन बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन के सभी कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि महामारी के समय 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर देशभर के लगभग 200 जिला मुख्यालयों से संबंधित जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है तथा अनेक जिला मुख्यालयों पर नियंत्रित क्षेत्र घोषित होने के कारण लगभग 200 जिलों से सीधे ज्ञापन भेजा है, वह सराहनीय है. देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, कानून मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा को सैकड़ों जिलों से सीधे पत्र लिखे जाने पर उन्होंने जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आसाम, त्रिपुरा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक तथा सुदूर केरल के सभी कार्यकर्ताओं को बधाई दी. जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन के अभिभावक के रूप में मार्गदर्शन करने वाले गिरिराज सिंह ने आनलाईन बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा जनसंख्या विषय पर जन जागरण हेतु 22 दिसम्बर से शुरू हुआ जो अखिल प्रवास महामारी के कारण 20 मार्च को रूक गया था, कोरोना संकट के बाद पूरे देशभर में टीम जायेंगी और इसी क्रम में देश के लगभग राज्यों के सैकड़ों जिलों में सभाएं आयोजित की जायेंगी, जिनमें वह स्वंय भी उपस्थित रहेंगे.
ज्ञात रहे कि जनसंख्या आन्दोलन के अभिभावक के रूप में गिरिराज सिंह संगठन की रैलियों व सभाओं में तो मौजूद रहे ही हैं, कई वर्षो से संगठन के लोगों के साथ गांव-गांव प्रवास भी करते रहे हैं. देश की आन्तरिक स्थिति पर बोलते हुए गिरिराज ने कहा कि जातिवाद की गहराती जड़ें देश के लिए खतरनाक हैं. भारत को अखंड भारत बनना है और हिन्दू संस्कृति को विश्व को मार्ग बनाना है तो जातिवाद से ऊपर उठना होगा. कण कण में श्रीराम को खोजने वाली संस्कृति को आपस में वैमनस्य समाप्त करना होगा. बैंगलोर में कांग्रेस पार्टी के एक दलित विधायक के घर पर एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा संगठित होकर किए हमले पर तथाकथित बुद्धिजीवियों और छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए कहा कि यह भविष्य के लिए खतरनाक संकेत हैं. उन्होंने आशा जताई कि अब प्रधानमंत्री जी द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून शीघ्र से शीघ्र बनेगा और देश के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होगा. यह जानकारी यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उमेश खंडेलवाल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, जनसंख्या समाधान फाउन्डेशन ने दी.