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नौसेना की ऑपरेशनल उपलब्धता, क्षमता निर्माण और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा
नई दिल्ली। अब पांच साल भारतीय नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों की मरम्मत, परीक्षण और रखरखाव की सुविधा देश में ही अमेरिकी कंपनी उपलब्ध कराएगी। इसके लिए शुक्रवार को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में अमेरिकी सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इस समझौते की लागत लगभग 7,995 करोड़ रुपये है। यह करार होने से नौसेना की ऑपरेशनल उपलब्धता, क्षमता निर्माण और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय नौसेना ने अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन से 24 हेलीकॉप्टर 2.6 अरब डॉलर के उस सौदे के तहत खरीदे हैं, जो फरवरी, 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के समय हुआ था। इस सौदे के तहत अब तक 19 एमएच-60आर सीहॉक भारत आ चुके हैं।भारतीय नौसेना ने पिछले साल मार्च में कोच्चि के आईएनएस गरुड़ पर अमेरिकी एमएच-60आर सीहॉक बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर की पहली स्क्वाड्रन को औपचारिक रूप से हवाई बेड़े में शामिल किया था।
एमएच 60आर हेलीकॉप्टर दुनिया का शक्तिशाली बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर है, जो देश की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने के साथ ही राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित कर रहा है। अत्याधुनिक सेंसरों और मल्टी-मिशन क्षमताओं के साथ एमएच 60आर से समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ावा मिला है। उन्नत हथियार, सेंसर और एवियोनिक्स सूट से लैस सीहॉक भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा जरूरतों के लिहाज से बनाया गया है, जो पारंपरिक और असममित दोनों खतरों के लिए उन्नत क्षमताएं प्रदान करते हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार भारतीय नौसेना के एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों के बेड़े को फॉलो ऑन सपोर्ट और फॉलो ऑन सप्लाई सपोर्ट के जरिए पांच साल के लिए लगभग 7,995 करोड़ रुपये की मदद देने के लिए अमेरिका सरकार के साथ लेटर्स ऑफ ऑफर एंड एक्सेप्टेंस पर हस्ताक्षर किए हैं। अमेरिका के फॉरेन मिलिट्री सेल्स प्रोग्राम के तहत शुक्रवार को नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में यह करार हुआ। समझौते में स्पेयर पार्ट्स, सपोर्ट इक्विपमेंट, प्रोडक्ट सपोर्ट, ट्रेनिंग और टेक्निकल सपोर्ट, कंपोनेंट्स की रिपेयर और रिप्लेसमेंट और भारत में ‘इंटरमीडिएट’ लेवल के कंपोनेंट रिपेयर और पीरियोडिक मेंटेनेंस इंस्पेक्शन फैसिलिटीज बनाना शामिल है।
मंत्रालय के मुताबिक इन सुविधाओं का देश में विकास होने से अमेरिकी सरकार पर निर्भरता कम होगी। इससे एमएसएमई और दूसरे भारतीय उद्यमों के जरिए स्वदेशी उत्पादों और सर्विसेज डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा। अमेरिकी सरकार से मिलने वाली तकनीक से हर मौसम में काम करने वाले एमएच 60आर हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल उपलब्धता और रखरखाव को बढ़ावा मिलेगा, जिनमें पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता भी है। इसके अलावा यह सहयोग इन हेलीकॉप्टरों को अलग-अलग जगहों के साथ-साथ जहाजों से भी ऑपरेशन करने में मदद करेगा, जिससे उनके सभी प्राइमरी और सेकेंडरी मिशन/रोल्स के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जा सकेगा।
साभार – हिस
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