नई दिल्ली,विश्व हिंदू परिषद् की केंद्रीय प्रबंध समिति की द्विदिवसीय बैठक आज अभी कुछ समय पूर्व महाराष्ट्र के देवगिरी क्षेत्र के जलगांव में प्रारंभ हुई। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य श्री भैया जी जोशी, विहिप अध्यक्ष श्री आलोक कुमार, महामंत्री श्री बजरंगलाल बागड़ा, संगठन महामंत्री श्री मिलिंद परांडे सहित देशभर से आए केंद्रीय व विविध प्रांतों के पदाधिकारी उपस्थित हैं।
कांवड़ यात्रा पर प्रहार हों या लव जिहाद के आघात, अवैध धर्मांतरण हो या गौ हत्याएं, हिंदू समाज के समक्ष व्याप्त अनेक तात्कालिक व दीर्घकालिक चुनौतियों पर मंथन के साथ सेवा, संस्कार व सामाजिक समरसता के कार्यों के विस्तार इत्यादि विषयों पर चर्चा व मंथन का एजेंडा लेकर प्रारंभ हुई इस बैठक में सैकड़ों प्रतिनिधि उपस्थित हैं।
पूज्य संत श्री श्याम चैतन्य व पूज्य श्री अनंत प्रकाश दास जी महाराज के आशीर्वचन “स्वधर्मे निधनं श्रेय:, पर-धर्म भयाभये” के साथ इस बैठक का प्रारंभ हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र कहते हैं कि स्व-धर्म में मरना भी कल्याणकारी है किंतु, दूसरे का धर्म अपनाना भय देने वाला है। देश के युवाओं को नशे की वृत्ति से मुक्त कर उन्हें हिंदू संस्कारों, गौ रक्षा व राष्ट्र धर्म से जोड़ना समय की सबसे बड़ी मांग है।
बैठक से पूर्व, प्रतिभागियों का प्रांत की दुर्गावाहिनी व पूज्या मातृशक्ति ने वाडकरी संस्कृति के अनुसार अंगवस्त्र व टोपी पहना कर पुष्प वर्षा व आरती के थार सजा कर स्वागत किया गया तथा भारतीय पद्धति से बिठाकर थाली में भोजन परोस कर भोजन कराया।