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जेंडर बजट केवल आंकड़े नहीं, विकास का दृष्टिकोण: अन्नपूर्णा देवी

नई दिल्ली। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के 4.49 लाख करोड़ रुपये के जेंडर बजट और 273 से अधिक योजनाओं में महिला हितधारकों की प्राथमिकता—यह साबित करता है कि अब बजट केवल आंकड़े नहीं, विकास का दृष्टिकोण है। यह बदलाव महिलाओं को लाभार्थी से नेतृत्वकर्ता बना रहा है। जेंडर बजटिंग पर राष्ट्रीय परामर्श में मंत्रालयों, राज्यों, सहयोगी संस्थानों और विशेषज्ञों की सहभागिता ने महिला नेतृत्व में विकास के साझा संकल्प को सशक्त किया। यह संवाद, समावेशी नीति निर्माण की दिशा में अहम कदम रहा।
अन्नपूर्णा देवी गुरुवार को विज्ञान भवन में आयोजित जेंडर बजटिंग पर राष्ट्रीय परामर्श में मौजूद विशेषज्ञों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में भारत ने ऐसे भविष्य की नींव रखी है जहां महिलाएं अब सिर्फ भागीदार नहीं हैं बल्कि- वे नेता, नवप्रवर्तक, संरक्षक और उद्यमी हैं। अंतरिक्ष मिशन से लेकर जमीनी स्तर के शासन तक नारी शक्ति पहले से कहीं अधिक दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। भारत की महिलाओं ने अपने दृढ़-संकल्प से, विकसित भारत निर्माण में नित नए आयाम स्थापित किए हैं l वे चुनौतियों को अवसर में बदल रही हैं l
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि मंत्रालय द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर, वुमन हेल्पलाइन ने उन्हें सुरक्षा का विश्वास दिया है l मिशन शक्ति के अंतर्गत प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के लिए इस बार के बजट में 3150 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है l जिससे 3 करोड़ 66 लाख लाभार्थी महिलाओं को स्वस्थ व सुरक्षित शिशु जन्म व उसकी देखभाल में सहायता प्राप्त होगीl
उन्होंने कहा कि सरकार की दो प्रमुख योजनाएं- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया- इस परिवर्तन में एक निर्णायक भूमिका निभा रही हैं। मुद्रा योजना के अंतर्गत लगभग 68 प्रतिशत ऋण महिला उधमियों को प्रदान किए गए हैंl यह महिलाओं के नेतृत्व वाले बिजनेस महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमी को प्रोत्साहित करने में केंद्र सरकार की भूमिका को दर्शाता है। स्टैंड अप इंडिया योजना के अंतर्गत मार्च, 2025 तक लगभग 83 प्रतिशत ऋण, महिलाओं को स्वीकृत किए गए, जिसकी कुल राशि लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है। दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत, 10.05 करोड़ महिलाओं को 90.90 लाख स्वंय सहायता समूह में संगठित किया गया है। लखपति दीदी पहल एक गेम चेंजर के रूप में उभरी है।
साभार – हिस

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