नई दिल्ली। भारत यात्रा पर आए मालदीव के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्ला खलील ने अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ भारत को मालदीव का पूर्ण समर्थन दोहराया। डॉ. खलील ने इस दौरान भारत की जनता और सरकार के साथ गहरी संवेदना और एकजुटता व्यक्त की।
उन्होंने भारत सरकार को मालदीव को दी गई समय पर आपातकालीन वित्तीय सहायता के लिए धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि इस सहायता से मालदीव की आम जनता के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ा है। डॉ. खलील ने आज भारत-मालदीव द्वितीय उच्च स्तरीय कोर ग्रुप (एचएलसीजी) बैठक में भाग लिया। इसमें भारत-मालदीव संयुक्त विजन दस्तावेज़ के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई। बातचीत में राजनीतिक संवाद, रक्षा-सुरक्षा सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य, जनसंपर्क और विकास साझेदारी को तेज़ करने पर सहमति बनी।
विदेश मंत्री डॉ. खलील ने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। इसमें परस्पर हित के मुद्दों पर चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि सहयोग की यह प्रक्रिया भारत और मालदीव के संबंधों को नई ऊंचाई तक ले जाएगी। यह भी तय हुआ कि तीसरी एचएलसीजी बैठक मालदीव की राजधानी माले में पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर आयोजित की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मालदीव भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और ‘विजन महासागर’ का प्रमुख साझेदार है। यह यात्रा द्विपक्षीय समुद्री सुरक्षा और आर्थिक साझेदारी को और सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण रही।
साभार – हिस
