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भारत-पाक संघर्ष पर विश्व की निगाहें : सभी ने की शांति की अपील

नई दिल्ली। भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई के बाद उपजे तनाव को लेकर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों परमाणु सम्पन्न देशों से संयम बरतने और स्थिति को कूटनीतिक माध्यमों से सुलझाने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा, “महासचिव भारत की सैन्य कार्रवाई को लेकर अत्यंत चिंतित हैं और दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम की अपील करते हैं। दुनिया भारत और पाकिस्तान के बीच किसी सैन्य टकराव की स्थिति को नहीं वहन नहीं कर सकती।”
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि वे भारत और पाकिस्तान की स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी को दोहराया है जिसमें इस टकराव के जल्द शांतिपूर्वक समाप्त होने की उम्मीद जताई गई थी। रुबियो ने कहा कि अमेरिका दोनों देशों की नेतृत्व से बातचीत कर शांति की दिशा में प्रयास करता रहेगा।
रूस ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वह दोनों देशों से संयम की अपेक्षा करता है। रूसी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “हम सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं, लेकिन सैन्य टकराव से बचना दोनों देशों के हित में है।”
चीन ने भारत की कार्रवाई पर खेद जताया और दोनों देशों से शांति व स्थिरता को प्राथमिकता देने की अपील की। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हम सभी प्रकार के आतंकवाद के विरोधी हैं लेकिन हम चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान शांति का मार्ग अपनाएं।”

ब्रिटेन ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान दोनों का मित्र है और किसी भी प्रकार के तनाव को कम करने के लिए सहायता देने को तैयार है। ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को एलओसी और सीमा से सटे क्षेत्रों की यात्रा न करने की सलाह दी है।

फ्रांस ने भी भारत की आतंकवाद से लड़ने की इच्छा को समझते हुए दोनों देशों से संयम की अपील की। फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने कहा, “हम समझते हैं कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए हालात को अधिक बिगड़ने से रोका जाना चाहिए।”

जापान ने कश्मीर हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि यह स्थिति बड़े पैमाने पर टकराव की ओर ले जा सकती है। विदेश मंत्री ताकेशी इवाया ने कहा कि जापान इस बात से बहुत चिंतित है कि संघर्ष आगे प्रतिशोध की ओर ले जा सकता है और पूर्ण सैन्य संघर्ष में बदल सकता है। जापान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए बातचीत से स्थिति को सुधारने का पुरजोर आग्रह करता है।

इज़रायल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है। भारत में इजरायली राजदूत रेउवेन अजार ने एक्स पर लिखा, “आतंकवादियों को यह जान लेना चाहिए कि वे निर्दोषों के खिलाफ अपने घिनौने अपराधों से बच नहीं सकते।”

क़तर ने कहा कि वह भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव पर गंभीर रूप से चिंतित है और विवाद को कूटनीति के जरिए सुलझाने का आह्वान करता है।
तुर्कीए ने भारत की सैन्य कार्रवाई को “पूर्ण युद्ध की संभावना पैदा करने वाली” बताया और पाकिस्तान की जांच की मांग का समर्थन दोहराया।

संयुक्त अरब अमीरात ने दोनों देशों से तनाव कम करने और बातचीत के ज़रिए समाधान की अपील की। विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला ने कहा, “शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए संवाद ही सर्वोत्तम मार्ग है।”
साभार – हिस

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