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भारतीय सेनाओं का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पाकिस्तान को करारा जवाब : राजनाथ

  •  वर्चुअल माध्यम से 50 प्रमुख बीआरओ परियोजनाओं का उद्घाटन किया

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेनाओं ने कल रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च करके आतंकियों को प्रशिक्षण देने वाले शिविरों को तबाह कर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। भारत ने अपनी सरजमीं पर हुए हमले का जवाब देने के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया है। हमारी यह कार्रवाई बेहद सोच-समझकर सधे हुए तरीके से की गई है। आतंकियों के हौसले पस्त करने के उद्देश्य से यह कार्रवाई महज उनके शिविरों और अन्य ढांचों तक ही सीमित रखी गई है।
पाकिस्तान के आतंकी शिविरों को नष्ट किये जाने के बाद रक्षा मंत्री शाम को नई दिल्ली में 66वें बीआरओ दिवस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने वर्चुअल माध्यम से 50 प्रमुख बीआरओ परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें 6 राज्यों और 2 केंद्रशासित प्रदेशों में 17 सड़कें, 30 पुल और 3 अन्य कार्य शामिल हैं, जिनका निर्माण 1879 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। आज जम्मू कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में कई परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ है। हमें जो सड़कें दिखती हैं, जो पुल दिखते हैं, वह सिर्फ दो स्थानों को जोड़ने वाले नहीं होते हैं, बल्कि वह लोगों के दिलों को जोड़ने वाले होते हैं।
उन्होंने समारोह में कहा कि सेना ने अपने शौर्य एवं पराक्रम का परिचय देते हुए एक नया इतिहास लिख दिया है। भारत की सेना ने सटीकता, सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ करवाई की है। हमने जो लक्ष्य तय किये थे, उन्हें ठीक तय योजना के अनुसार सटीकता से ध्वस्त किया है। सेना ने किसी भी नागरिक ठिकाने को जरा भी प्रभावित न होने देने की संवेदनशीलता दिखाई है। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी सेनाओं ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च करके पहले की तरह ही इस बार भी आतंकियों को प्रशिक्षण देने वाले शिविरों को तबाह करके करारा जवाब दिया है। हमने हनुमान जी के उस आदर्श का पालन किया है, जो उन्होंने अशोक वाटिका उजाड़ते समय किया था ‘‘जिन मोहि मारा, तिन मोहि मारे’’अर्थात केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में ही बीआरओ का बजट लगभग दोगुना हो गया है, जिससे सीमा पर बुनियादी ढांचों के विकास में रिकॉर्ड तोड़ प्रगति हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में बीआरओ ने 16,600 करोड़ रुपये का उल्लेखनीय व्यय किया है, जो अपने आप में ऐतिहासिक है। बीआरओ ने खुद को सबसे चुनौतीपूर्ण और सुरक्षा के संवेदनशील क्षेत्रों में भी बुनियादी ढांचों के विकास के लिए प्रमुख एजेंसी के रूप में स्थापित किया है। छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी बीआरओ महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण कर रहा है। बीआरओ का कार्य विश्व स्तरीय है, जिसका प्रमुख उदाहरण सेला सुरंग है, जिसका उद्घाटन पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
साभार – हिस

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