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केंद्रीय गृह सचिव ने राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को गृह मंत्रालय में एक उच्च स्तरीय बैठक में 7 मई को होने वाले राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) की तैयारियों की समीक्षा की। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच यह मॉक ड्रिल की जा रही है।
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस के प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। इसके अलावा बैठक में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक पीयूष आनंद, अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड के महानिदेशक विवेक श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
गृह मंत्रालय की बैठक के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक सदस्य ने कहा कि हम तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन खामियों को दूर किया जाना है, उनकी पहचान कर ली गई है। इस बैठक का उद्देश्य ग्रामीण और गांव स्तर के क्षेत्रों सहित 244 नागरिक सुरक्षा-निर्दिष्ट जिलों में मॉक ड्रिल की तैयारियों का आकलन करना और समन्वित निष्पादन सुनिश्चित करना था।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा तैयारियों को मजबूती देने के उद्देश्य से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया था। यह निर्णय पहलगाम हमलों और पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बाद लिया गया है। इस मॉक ड्रिल में हवाई हमले की स्थिति में नागरिकों को सचेत करने के लिए सायरन की प्रभावशीलता का परीक्षण करना और नागरिकों और छात्रों को बुनियादी आत्म-सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करना शामिल है। इसके अलावा युद्ध के संभावित खतरे के दौरान अंधेरा कर देने की आपात प्रक्रिया (क्रैश ब्लैकआउट) का अभ्यास और संवेदनशील प्रतिष्ठानों को छिपाकर बुनियादी ढेंच की रक्षा करना शामिल होगी। इसके साथ ही, आपातकालीन स्थिति में लोगों की सुरक्षित निकासी की योजनाओं को अद्यतन किया जाएगा और उनका पूर्वाभ्यास भी कराया जाएगा।
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना, उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना और राज्य तथा स्थानीय प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा करना है। यह मॉक ड्रिल विभिन्न स्तरों पर नागरिक सुरक्षा प्रणाली की प्रभावशीलता को जांचने का एक समन्वित प्रयास है।
गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे इस अभ्यास की पूरी योजना पहले से तैयार करें और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर उसका सफल आयोजन सुनिश्चित करें। यह पहल देश की समग्र सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है और भविष्य की किसी भी आपात स्थिति से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
साभार – हिस

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