पिठापुरम। श्री रामकृष्ण अद्वैत आश्रम के वेदांताचार्य स्वामी कृष्णानंद ने कहा कि हमें अपनी इंद्रियों के माध्यम से अपने भीतर की खुशी की खोज करनी होगी।”
स्थानीय श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठम के नवीन आश्रम परिसर में शुक्रवार की सुबह को आयोजित तात्विक बाल विकास ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में श्री रामकृष्ण अद्वैत आश्रम वेदांताचार्य स्वामी श्री कृष्णानंद बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर श्री कृष्णानंद ने बच्चों से कहा कि वे सभी शिक्षा की असीम निधि के उत्तराधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि सच्चा विद्यार्थी वह है जो जन्म से मृत्यु तक सीखता रहता है।
तात्विक बाल विकास ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन उमर अली शाह पब्लिक स्कूल के करेस्पांडेट श्री हुसैन शाह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर अपने उदगार व्यक्त करते हुए श्री हुसैन शाह ने कहा कि उत्कृष्ट भारतीय संस्कृति में बच्चे का प्रथम गुरु उसकी मां होती है । उसे शिक्षा देने वाला शिक्षक द्वितीय गुरु है। इसलिए हमें उनका सम्मान करना चाहिए।
तात्विक बाल विकास के मुख्य संयोजक श्री एवीवी सत्यनारायण ने कहा कि 2 से 9 मई यानि 8 दिनों तक संचालित इस शिविर में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने अपील की कि आप लोग अनुशासन के साथ ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में भाग लें और अपने कौशल का विकास करें।
श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठम के नवम पीठाधिपति डॉ. उमर अली शाह ने इंटरनेट के माध्यम से बच्चों को संबोधित कर उन्हें आशीर्वाद दिया। श्री एवीवी सत्यनारायण की अगुवाई में नए आश्रम के सुखद और दिव्य आध्यात्मिक वातावरण में, बच्चों को न केवल अपनी पढ़ाई में उत्कृष्टता प्राप्त करने का सौभाग्य मिला, बल्कि उनके कौशल का विकास हुआ और वे उच्च स्तर तक की ज्ञान प्राप्त किया। इस कार्यक्रम में योग भारत फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. ज्योतुला नागेश्वर राव ने योग की विशिष्टता, अष्टांग योग का महत्व और ध्यान के महत्व के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में सुलेख प्रशिक्षक श्री केवीएसएस प्रसाद, पीठम के संयोजक श्री पेरूरी सुरीबाबू और केंद्रीय समिति के सदस्य श्री एनटीवी प्रसाद वर्मा ने मंच से बच्चों को संबोधित किया। गीतावधानी श्री यर्रमशेट्टी उमा महेश्वर राव ने समन्वयक की भूमिका निभाई और धन्यवाद ज्ञापन किया।