नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए पर्यटकों पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा के बयान पर सियासी घमासान मच गया है। रॉबर्ट वाड्रा ने घटना में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह सरकार हिंदुत्व की बात करती है और अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं। भाजपा ने इस बयान की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक बताया है।
बुधवार को भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स प्लेटफार्म पर कहा कि अगर कोई इस तरह के इस्लामिक जिहादी हमले को निराधार तर्कों के साथ उचित ठहराने की कोशिश करता है और दावा करता है कि यह किसी कार्रवाई की प्रतिक्रिया है तो यह शर्मनाक है। इस तरह से कट्टरपंथी जिहाद और आतंकवाद को बचाने की कोशिश करने से बड़ा दुर्भाग्य कुछ और नहीं हो सकता। ऐसे समय में जब इस तरह के आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की जानी चाहिए और एक स्वर में उनकी पहचान की जानी चाहिए, यह निराशाजनक है कि कुछ लोग अभी भी अतार्किक बातों के साथ पाकिस्तान प्रायोजित इस्लामिक जिहाद का बचाव कर रहे हैं। दुर्भाग्य से, कांग्रेस पार्टी और रॉबर्ट वाड्रा इस कहानी में सबसे आगे दिखाई देते हैं।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि यह सोनिया गांधी, राहुल गांधी के इशारे पर कांग्रेस पार्टी, रॉबर्ट वाड्रा द्वारा किया गया सबसे शर्मनाक, नृशंस बयान है, जो एक तरह से पाकिस्तानी आतंकवादियों का बचाव करने के लिए है। यह बयान इस्लामिक जिहाद के इस अपराध को छिपाने के लिए, उन्हें क्लीन चिट देने और हिंदुओं को दोषी ठहराने के लिए है। पुलवामा हमले के बाद, उन्होंने सुरक्षा बलों को दोषी ठहराया।
रॉबर्ट वाड्रा ने क्या दिया बयान
मेरी गहरी संवेदनाएं इस आतंकवादी कृत्य में मारे गए लोगों के प्रति हैं। हमारे देश में, हम देखते हैं कि यह सरकार हिंदुत्व की बात करती है, और अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं। यदि आप इस आतंकवादी कृत्य का विश्लेषण करते हैं, यदि आतंकवादी लोगों की पहचान देख रहे हैं, तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हमारे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक विभाजन पैदा हो गया है। इससे इस तरह के संगठनों को लगेगा कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने आगे कहा कि पहचान को देखना और फिर किसी की हत्या करना, यह प्रधानमंत्री के लिए एक संदेश है, क्योंकि मुसलमान कमजोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक कमजोर महसूस कर रहे हैं। यह बात ऊपर से आनी चाहिए कि हम अपने देश में सुरक्षित और धर्मनिरपेक्ष महसूस करते हैं और हम इस तरह के कृत्य होते नहीं देखेंगे।
साभार – हिस