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नेशनल हेराल्ड केस में सत्य और न्याय की जीत होगीः चिदंबरम

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम ने आज आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की ताजा कार्रवाई राजनीतिक हमला और सत्ता का खुला दुरुपयोग है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस प्रतिशोधात्मक कार्रवाई के खिलाफ पुरजोर तरीके से लड़ेगी और सत्य तथा न्याय की जीत होगी।
पी. चिदंबरम ने आज दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नेशनल हेराल्ड स्वतंत्रता संग्राम के दौर का उत्पाद है। इसकी स्थापना पुरुषोत्तम दास टंडन, आचार्य नरेंद्र देव, रफी अहमद किदवई और जवाहरलाल नेहरू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी। नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आज़ाद स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक हैं, इन्हें संरक्षित करना हम सबका कर्तव्य है। फिलहाल, नेशनल हेराल्ड का स्वामित्व एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के पास है, जो 1937-38 में पंजीकृत कंपनी है। यह एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी है।
उन्होंने दावा किया कि एजेएल के पास देश में छह अचल संपत्तियां हैं। लखनऊ की संपत्ति अकेले फ्रीहोल्ड संपत्ति है। दिल्ली, पंचकूला, मुंबई, पटना और इंदौर की अन्य संपत्तियां सरकार द्वारा इस शर्त के साथ आवंटित लीजहोल्ड संपत्तियां हैं, जो बेची नहीं जा सकतीं। घाटे के कारण एजेएल (और नेशनल हेराल्ड) टैक्स, वैधानिक बकाया या वेतन और मज़दूरी का भुगतान नहीं कर सका। उसे उबारने के लिए 2002 और 2011 के बीच कांग्रेस ने चेक के ज़रिए कई किश्तों में 90 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया।

उन्होंने कहा कि उसके बाद कर्ज में डूबी एजेएल का कानूनी सलाह पर पुनर्गठन करने का फैसला किया गया। 2010 में कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 (अब कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8) के तहत एक नई कंपनी यंग इंडियन का गठन किया गया, जो एक गैर-लाभकारी कंपनी थी। यंग इंडियन (वाईआई) के 4 शेयरधारक थे, जो कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी थे। वाईआई ने 50 लाख रुपये का भुगतान करने के बाद कांग्रेस द्वारा एजेएल को दिए गए 90 करोड़ रुपये के ऋण को अपने ऊपर ले लिया। वाईआई एजेएल का ऋणदाता बन गया। चूंकि ऋण एजेएल से वसूल नहीं किया जा सकता था, इसलिए दोनों कंपनियों ने यह निर्णय लिया कि ऋण को इक्विटी में परिवर्तित किया जाएगा और तदनुसार, एजेएल द्वारा वाईआई को इक्विटी शेयर जारी किए गए। ऋण को इक्विटी में बदलना कंपनियों के पुनर्गठन का एक साधन है। बैंक नियमित रूप से ऐसा करते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि 2023 में ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया, जो संभवतः ट्रायल कोर्ट के समक्ष लंबित आपराधिक मामले (एक निजी शिकायत पर शुरू हुआ) पर आधारित था। ईडी ने 9 अप्रैल 2025 को पीएमएलए के तहत एक शिकायत (आरोप पत्र) दायर किया है लेकिन मेरा मानना है कि इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। एजेएल अब तीनों अख़बारों को ऑनलाइन प्रकाशित करता है। चिदंबरम ने कहा कि मैं समझता हूं कि पीएमएलए कोर्ट ने अभी तक ईडी की शिकायत का संज्ञान नहीं लिया है। ऐसे में मीडिया में जो बयान आ रहे हैं, वो दुर्भावनापूर्ण हैं।
साभार – हिस

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