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‘वक्फ विधेयक दिलायेगा मुस्लिम महिलाओं को विरासत में उनका उचित हिस्सा’

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार का कहना है कि वक्फ पीढ़ियों से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार के लिए धन उपलब्ध कराने में सहायक रहा है लेकिन अधिकांश महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिला क्योंकि संसाधन और निर्णय लेने में उनकी पहुंच अत्यंत सीमित थी। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 का उद्देश्य इसमें बदलाव लाना है। यह मुस्लिम महिलाओं को विरासत में उनका उचित हिस्सा, वित्तीय सहायता और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में निर्णायक भूमिका सुनिश्चित करेगा।
अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय लगातार वक्फ विधेयक पर फैली भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में मंत्रालय का कहना है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 में सबसे बड़ा बदलाव पारिवारिक वक्फ (वक्फ-अलल-औलाद) में महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकारों की सुरक्षा है।
मंत्रालय के अनुसार अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि कोई भी व्यक्ति वक्फ को संपत्ति तब तक दान नहीं कर सकता जब तक महिला उत्तराधिकारियों को पहले विरासत का उचित हिस्सा न मिल जाए। परिवारों को यह वक्फ में दान देने के उपक्रम में महिलाओं को उनकी संपत्ति में हिस्सा न देने से रोकता है। नए अधिनियम की धारा 3ए(2) सुनिश्चित करती है कि वक्फ संपत्तियां बनाते समय महिलाओं को अनुचित तरीके से वंचित न रखा जाए।
इसमें आगे कहा गया है कि अधिनियम विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए वक्फ-अलल-औलाद के उद्देश्य को भी विस्तारित करता है। धारा 3 (आर) (iv) वक्फ फंड उनके कल्याण और जीवन खर्च के उपयोग की अनुमति देता है। कल्याण और न्याय के इस्लामी सिद्धांतों का पालन करते हुए यह जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
अधिनियम में एक और बड़ा बदलाव वक्फ शासन में महिलाओं की भूमिका बढ़ाना है। इसमें सुनिश्चित किया गया है कि राज्य वक्फ बोर्ड (धारा 14) और केंद्रीय वक्फ परिषद (धारा 9) में दो मुस्लिम महिलाओं को शामिल किया जाए। इसका अर्थ है कि अब वक्फ संसाधनों के उपयोग और प्रबंधन कैसे किया जाए यह तय करने का अधिकार महिलाओं को होगा।
अल्पसंख्यक मंत्रालय का कहना है कि वक्फ शासन में अधिक महिलाओं की उपस्थिति यह भी सुनिश्चित करेगी कि धन उचित आवश्यकताओं पर खर्च किया जाए जैसे:मुस्लिम लड़कियों के लिए छात्रवृत्ति, स्वास्थ्य देखभाल और मातृत्व सहायता, महिला उद्यमियों के लिए कौशल प्रशिक्षण और कम आय वर्ग की महिलाओं को वित्तीय सहायता, उत्तराधिकार और घरेलू हिंसा के मामलों में कानूनी सहायता।
यह अधिनियम अतीत की विषमता दूर कर वक्फ को अधिक न्यायसंगत बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। महिलाओं को निर्णय लेने की शक्ति और वित्तीय सुरक्षा देकर, यह अधिक संतुलित और न्यायसंगत वक्फ व्यवस्था स्थापित करता है।
इसके अलावा, अधिनियम मुस्लिम महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने में सहायता के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) स्थापित करने को बढ़ावा देता है। ये केंद्र स्वास्थ्य सेवा, व्यवसाय और फैशन डिजाइनिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिससे महिलाओं को नौकरी प्राप्त करने या स्वयं का व्यवसाय आरंभ करने में मदद मिलेगी।
अधिनियम में एक महत्वपूर्ण सुधार वक्फ रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण है। इससे डिजिटल रिकॉर्ड पारदर्शिता में सुधार आएगी, भ्रष्टाचार रुकेगा और सुनिश्चित होगा कि वक्फ के धन का सही तरीके से उपयोग हो। महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके कल्याण के लिए निर्धारित धन के दुरुपयोग न होने की गांरटी देता है।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025, वक्फ को सामाजिक कल्याण और न्याय का साधन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उत्तराधिकार के अधिकार सुरक्षित कर, विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं की मदद कर, शासन में महिलाओं की भूमिका बढ़ाकर और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देकर यह वक्फ प्रशासन में दीर्घकालिक लैंगिक समानता स्थापित करेगा। ये सुधार मुस्लिम महिलाओं के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेंगे, जिससे सुनिश्चित होगा कि वक्फ आने वाले वर्षों में उनकी प्रगति और सशक्तिकरण को सही मायने में बढ़ावा दे।
साभार – हिस

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