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वक्फ संशोधन विधेयक पर विपक्ष फैला रहा भ्रम : जगदंबिका पाल

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास हो गया है। इस पर लोकसभा में 12 घंटे और राज्यसभा में करीब 14 घंटे की चर्चा हुई। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। विधेयक के संशोधनों पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने भी 118 घंटे से ज्यादा चर्चा की। जेपीसी के अध्यक्ष एवं भाजपा के लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल ने बताया कि भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में बहुत कम विधेयकों पर इतनी लंबी चर्चा हुई है।

जगदंबिका पाल ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा, “जेपीसी की हमने दिल्ली में 38 बैठकें कीं। इसके अलावा तमिलनाडु, तेलंगाना से लेकर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार आदि राज्यों का दौरा कर वहां के स्टेक होल्डर्स, राज्य वक्फ बोर्डों, इस्लामिक स्कॉलरों, इस्लामिक संगठनों, न्यायविदों से घंटों चर्चा की। उनके सुझाव लिए गए। उनके सुझावों को रिपोर्ट में शामिल किया गया। यहां तक कि विपक्षी सदस्यों के कई सुझावों को भी रिपोर्ट में लिया गया। इसलिए विपक्ष के सभी आरोप निराधार हैं।”

विपक्षी दल- कांग्रेस, एआईएमआईएम और राजद ने इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस पर जगदंबिका पाल ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा कि उनका अधिकार है, वे जाएं कोर्ट, लेकिन कोर्ट में उन्हें मुंह की खानी पड़ेगी। क्योंकि इस विधेयक को पारित कर संसद ने गैरसंवैधानिक प्रावधानों को संविधान के दायरे में लाने का कार्य किया है।

चर्चा के दौरान विधेयक को विपक्ष ने गैरसंवैधानिक ठहराने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। इससे जुड़े सवाल पर पाल ने कहा है कि यह पहले गैरसंवैधानिक था, जहां ट्रिब्यूनल के फैसले को अंतिम बताया गया था। जबकि हमारे संविधान ने न्यायिक व्यवस्था में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अंतिम बताया है। इस विधेयक में यही किया गया है। अब लोग ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।

सांसद पाल ने कहा कि विपक्ष सिर्फ भ्रम फैला रहा है। वह लोगों को गुमराह कर रहा है लेकिन लोग गुमराह नहीं होंगे। आज देशभर से लोग बधाई देने, अपनी ख़ुशी जाहिर करने यहां आ रहे हैं। वे मोदी सरकार को धन्यवाद कह रहे हैं। बहुत सारे लोग डर में जी रहे थे कि कहीं उनकी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड दावा न कर दे। अब उनका वह डर खत्म हो गया है।

उल्लेखनीय है कि वक्फ विधेयक पर विचार के लिए गठित 31 सदस्यीय जेपीसी में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य शामिल थे।
साभार – हिस

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