पिठापुरम। श्री विश्वविज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ के नौंवें पीठाधिपति डॉ. उमर अली शाह ने कहा कि समय आम आदमी से लेकर दार्शनिकों तक सभी की परीक्षा लेता है और कोई भी समय की कसौटी से अछूता नहीं है। समय की कसौटी पर खरा उतरने के लिए दार्शनिक ज्ञान विकसित करना आवश्यक है।
पीठम की 97वीं वार्षिक ज्ञान महासभा के समापन समारोह के अवसर पर मंगलवार को पिठापुरम स्थित पीठम के मुख्य आश्रम में आयोजित सभा में डॉ. उमर अली शाह ने सदस्यों को समापन भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मनुष्य पंचतत्व शक्तियों का स्वरूप है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में सबसे कीमती चीज समय है, और सभी दार्शनिकों और योगियों ने समय के साथ यात्रा की है। यह तथ्य स्पष्ट हो चुका है कि इस सृष्टि में ऐसा कोई प्राणी नहीं है जो समय से परे यात्रा कर सके। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक और दार्शनिक ज्ञान विकसित करने से मनुष्य को समय की कसौटियों पर खरा उतरने की शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि निरंतर प्रयास से ही अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं, इसलिए सभी को समय का सदुपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक और दार्शनिक ज्ञान अच्छाई और बुराई का विश्लेषण करने की शक्ति देता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जो हर छोटी-छोटी बात पर अधीर हो जाता है और अनेक समस्याएं लेकर आता है, उसे अपने जीवन का अधिकतम लाभ उठाने के लिए धैर्य विकसित करना होगा। उन्होंने कहा कि ध्यान, ज्ञान और मंत्र की त्रयी साधना के अभ्यास करने से सहनशक्ति बढ़ती है और दार्शनिक ज्ञान प्रकट होता है। उन्होंने पीठम द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए चलाए जा रहे “मेरा पौधा, मेरी सांस” कार्यक्रम में भाग लेने तथा प्रत्येक सदस्य से एक-एक पौधा लगाने तथा उसकी सुरक्षा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लगाया गया प्रत्येक पौधा ऑक्सीजन सिलेंडर के बराबर है। उन्होंने कहा कि मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए काम करने वाला पीठम सार्वभौमिक ज्ञान, शिक्षा और आध्यात्म का आध्यात्मिक पीठम है।
बतौर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पिठापुरम के पूर्व विधायक एस.वी.एस.एन. वर्मा ने कहा कि जब व्यक्ति गुरु की शरण में जाता है और भ्रम की शक्तियों को दूर करता है, तो वह अपने भीतर परमात्मा को देख पाता है। इन सूफी दार्शनिकों, कुलपिताओं की, ज्ञान महासभाओं के माध्यम से ब्राह्मण शिक्षा की शिक्षा देकर सार्वभौमिक मानव कल्याण को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के लिए प्रशंसा की गई। जिन शिष्यों ने कुलगुरु से दार्शनिक ज्ञान प्राप्त किया था, उन्हें सलाह दी गई कि वे उस ज्ञान को दूसरों के साथ साझा करें।
पीठाधिपति के भाई अहमद अली शाह ने अपने संबोधन में श्रोताओं को श्री विश्वविज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ के पूर्व पीठाधिपति की विशिष्टता, मातृमूर्ति के बलिदान और पीठ सदस्यों की सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। ऐसा कहा जाता है कि श्री विश्वविज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ एकमात्र पीठ है जो सैकड़ों वर्षों से अपने सदस्यों को समय और गुणवत्ता दोनों की दृष्टि से वेदांत की शिक्षा प्रदान कर रही है।
बाद में उमर अली शाह ग्रामीण विकास ट्रस्ट द्वारा जरूरतमंदों को सिलाई मशीन, व्हीलचेयर तथा पक्षियों के भोजन के लिए तैयार अनाज की भूसी आदि उपलब्ध कराये गये। । सदस्य पेरूरी विजयराम सुब्बाराव और सना दम्पति ने मुख्य अतिथि के साथ सभा में दिव्यांगों के लिए भविता दिव्यांगुला प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा स्थापित इलेक्ट्रोस्टिम्यूलेटर भेंट किए। सभा में पीठम द्वारा तैयार की गई कई पुस्तिकाओं और पुस्तकों का अनावरण किया गया।
पीठम द्वारा संचालित तात्त्विक बाल विकास के माध्यम से आध्यात्मिक कक्षाओं में प्रशिक्षित बच्चों के भाषणों ने श्रोताओं को विशेष रूप से प्रभावित किया। सभा में आयोजित संगीत कार्यक्रम के दौरान उमा मुकुंदा मंडली द्वारा गाए गए कीर्तन ने श्रोताओं का मनोरंजन किया। आश्रम ने सभा में भाग लेने के लिए देश-विदेश से आए सदस्यों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया। साथ ही बुजुर्गों और विकलांगों के लिए बस और ऑटो की सुविधा तथा बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा भी उपलब्ध कराई। इस अवसर पर 207 नये लोगों ने मंत्रोपदेश प्राप्त किया।
इस अवसर पर आदित्य शैक्षणिक संस्थान प्रमुख शेषा रेड्डी और रेड क्रॉस एपी राज्य के अध्यक्ष वाई.डी. रामा राव, जन सेना नेता मर्रेड्डी श्रीनिवास, गोदावरी डेल्टा के अध्यक्ष एम. सुनील, भाजपा नेता एस.वी. सत्यनारायण, बैंक ऑफ महाराष्ट्र प्रबंधक राज नंदिनी पांडा, गीतावधानी येरमसेट्टी उमामहेश्वर राव, पी. मंजुला और अन्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में पीठम संयोजक पेरूरी सुरीबाबू, पीठम मीडिया संयोजक अकुला रवि तेजा, केंद्रीय समिति के सदस्य पिंगली आनंद कुमार और एवीवी सत्यनारायण, एनटीवी. प्रसाद वर्मा, के. स्वर्णलता और अन्य उपस्थित थे।