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सूक्ष्‍म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी कवर बढ़ाकर 10 करोड़ हुआ

  • सभी एमएसएमई के लिए वर्गीकरण से संबंधित निवेश और कारोबार की सीमाओं को क्रमशः 2.5 और 2 गुणा तक बढ़ाया जाएगा

  • उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्‍म उद्यमों के लिए पहले साल में 5 लाख रुपए की सीमा वाले 10 लाख विशेष अनुकूल क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे

  • स्‍टार्टअप्‍स के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की राशि के साथ नया फंड बनाया जाएगा

  • महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों से 5 लाख नए उद्यमियों को अगले पांच वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्‍ध कराने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी

  • निर्यात क्रेडिट तक आसान पहुंच और एमएसएमई की मदद के लिए निर्यात संवर्द्धन मिशन शुरू किया जाएगा ताकि विदेशी बाजारों में गैर-टैरिफ समस्‍याओं से निपटा जा सके

केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2025 को संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि सभी क्षेत्रों का संतुलित विकास और विकसित भारत का लक्ष्‍य प्राप्‍त करते हुए ‘सबका विकास’ के सपने को अगले पांच साल में साकार करने में केंद्रीय बजट 2025-26 अनूठा अवसर प्रदान करेगा। केंद्रीय बजट में एमएसएमई को राष्‍ट्र की विकास गाथा में शक्तिशाली साधनों में से एक के रूप में परिभाषित किया गया है। बजट में विकास को तेज करने तथा समेकित विकास सुनिश्चित करने में एमएसएमई की मदद के लिए कई विकास उपाय प्रस्‍तावित किए गए हैं।

एमएसएमई के वर्गीकरण पद्धति में संशोधन

संसद में बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई को अधिक व्यापक पैमाने पर दक्षता, प्रौद्योगिकीय उन्नयन और पूंजी तक बेहतर पहुंच की सुविधा पाने में उनकी सहायता करने के उद्देश्य से सभी एमएसएमई के लिए वर्गीकरण से संबंधित निवेश और कारोबार की सीमाओं को क्रमशः 2.5 और 2 गुणा तक बढ़ाया जाएगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि इससे उन्हें बड़े उद्यम बनने और हमारे युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने का आत्मविश्वास प्राप्त होगा। विवरण सारणी 1 में दिया गया है।

 

रुपए करोड़ में

निवेश

कारोबार

सूक्ष्‍म उद्यम 1 2.5 5 10
लघु उद्यम 10 25 50 100
मध्‍यम उद्यम 50 125

250

500

(सारणी 1)

केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्तमान में 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाले और हमारे विनिर्माण में 36 प्रतिशत का योगदान करने वाले एक करोड़ से अधिक पंजीकृत एमएसएमई मिलकर भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के प्रयास कर रहे हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि ये एमएसएमई अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के साथ हमारे निर्यात में 45 प्रतिशत योगदान कर रहे हैं।

गारंटी कवर के साथ ऋण उपलब्धता में पर्याप्त वृद्धि

केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऋण तक पहुंच में सुधार के लिए ऋण गारंटी कवर बढ़ाया जाएगा:

क)   सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए 5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए, जिससे अगले 5 वर्षों में 1.5 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त ऋण उपलब्ध होंगे;

ख)   स्टार्ट-अप के लिए, 10 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए, जिसमें आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण 27 प्रमुख क्षेत्रों में ऋणों के लिए गारंटी शुल्क कम करके 1 प्रतिशत किया जाएगा; और

ग)   उत्तम तरह से चल रहे निर्यातक एमएसएमई के लिए 20 करोड़ रुपए तक के सावधि ऋण।

सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड

केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख रुपए की सीमा वाले विशेष अनुकूल क्रेडिट कार्ड शुरू करेंगे। उन्‍होंने आगे बताया कि पहले वर्ष में 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।

स्टार्ट-अप के लिए निधियों का कोष

अपने बजट भाषण में केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा,  ‘‘स्टार्ट-अप के लिए वैकल्पिक निवेश निधियों (एआईएफ) को 91,000 करोड़ से अधिक की प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुई हैं। इन्हें 10,000 करोड़ रुपए के सरकारी अंशदान से स्थापित निधियों के कोष की सहायता प्राप्त है।’’ उन्‍होंने कहा कि अब विस्तारित कार्यक्षेत्र और 10,000 करोड़ रुपए के नए अंशदान के साथ निधियों के नए कोष की स्थापना की जाएगी।

नए उद्यमियों के लिए नई योजना

केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पांच लाख नए उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। उन्‍होंने बताया कि इस योजना के तहत अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपए तक का सावधि ऋण उपलब्‍ध होगा। अपने भाषण में उन्‍होंने कहा, ‘‘इस योजना में सफल स्टैंड-अप इंडिया स्कीम से प्राप्त अनुभवों को शामिल किया जाएगा। उद्यमशीलता और प्रबंधकीय कौशलों के लिए ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।’’

डीप टेक निधियों का कोष

केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस पहल के एक हिस्से के रूप में अगली पीढ़ी के स्टार्टअप को उत्प्रेरित करने के लिए डीप टेक निधियों के कोष पर भी विचार किया जाएगा।

निर्यात संवर्धन मिशन

केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्षेत्रीय और मंत्रालयी लक्ष्यों के साथ एक निर्यात संवर्धन मिशन शुरू किया जाएगा, जिसे वाणिज्य मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय और वित्त मंत्रालय संयुक्त रूप से चलाएगा। उन्‍होंने यह भी बताया कि इस मिशन से निर्यात ऋण तक आसान पहुंच और क्रॉस बॉर्डर फैक्टरिंग सहायता की सुविधा प्राप्त होगी और एमएसएमई को विदेशी बाजारों में गैर-टैरिफ की समस्‍या से निपटने में मदद मिलेगी।

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