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‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए
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फुटवियर और लेदर क्षेत्रों के लिए फोकस उत्पाद स्कीम 22 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन करेगी
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भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने के लिए राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना
नई दिल्ली। ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी। यह घोषणा केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी, 2025 को संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए की। यह केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के लिए नीतिगत सहायता, निष्पादन कार्ययोजनाएं, शासन और निगरानी फ्रेमवर्क उपलब्ध कराएगा।
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन 5 महत्वपूर्ण क्षेत्रों अर्थात् व्यवसाय करने की सुगमता और लागत; मांग वाली नौकरियों के लिए भावी तैयार कार्यबल; जीवंत और गतिशील एमएसएमई क्षेत्र; प्रौद्योगिकी की उपलब्धता और गुणवत्ता युक्त उत्पाद पर बल देगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि यह मिशन स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण को भी सहायता प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य घरेलू मूल्यवर्धन में पर्याप्त सुधार करना और सोलर पीवी सेल, ईवी बैटरी, मोटरों और कंट्रोलरों, इलेक्ट्रोलाइजरों, विंड टर्बाइनों, अत्यधिक वोल्टेज वाले ट्रांसमिशन उपकरण और ग्रिड स्केल बैटरियों का इकोसिस्टम तैयार करना होगा।
वित्त मंत्री ने श्रम-सघन क्षेत्रों के लिए उपायों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि सरकार श्रम-सघन क्षेत्रों में रोजगार और उद्यमशीलता के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट नीतिगत और सहायक उपाय करेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने हेतु फोकस उत्पाद स्कीम कार्यान्वित की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि इस स्कीम में लेदर फुटवियर और उत्पादों के लिए सहायता के अलावा बिना लेदर वाले गुणवत्तापूर्ण फुटवियर के उत्पादन हेतु आवश्यक डिजाइन क्षमता, घटक विनिर्माण और मशीनों के लिए सहायता दी जाएगी। इस स्कीम से 22 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलने, `4 लाख करोड़ का कारोबार और `1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात होने की उम्मीद है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाने के लिए राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना कार्यान्वित किए जाने का प्रस्ताव पेश किया। इस योजना में क्लस्टरों, कौशलों और ऐसे विनिर्माण इको-सिस्टम के विकास पर जोर दिया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप उच्च गुणवत्ता वाले ऐसे अनूठे, नवीन और पर्यावरण अनुकूल खिलौने बनेंगे, जो ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सहायता प्रदान करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री ने पूर्वोदय’ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। केंद्रीय मंत्री ने बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमशीलता और प्रबंधन संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया। इस संस्थान से समूचे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण कार्यकलापों को पुरजोर बढ़ावा मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप किसानों के उत्पादों के मूल्य संवर्धन के माध्यम से उनकी आमदनी बढ़ेगी, और युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, उद्यमशीलता और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।