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ब्रह्मर्षि डॉ. उमर अली शाह के साहित्य को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने की अपील 

ब्रह्मर्षि डॉ. उमर अली शाह के साहित्य को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने की अपील 

चेन्नई।  तमिलनाडू  की प्रमुख साहित्यिक  संस्था जननी के अध्यक्ष श्री गुडिमेटला चेन्नप्पा ने श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ की विशिष्टता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों को इस संस्था की विशिष्टता से अवगत होना चाहिए। उन्होंने अपील की कि पाठ्यपुस्तकों में  ब्रह्मर्षि डॉ. उमर अली शाह के साहित्य को शामिल किया जाना चाहिए।

मद्रास विश्वविद्यालय के तेलुगु विभाग व श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ (पिठापुरम) के संयुक्त  तत्वावधान में मरीना परिसर में  आयोजित ब्रह्मर्षि डॉ. उमर अली शाह का साहित्य – बहुमुखी प्रतिभा विषयक  दो दिवसीय साहित्यिक संगोष्ठी सोमवार, 27 जनवरी को शुरू हुआ।

बतौर विशिष्ट अतिथि श्री गुडिमेटला चेन्नप्पा ने कहा कि  पीठम के साहित्य पर इस तरह के साहित्यिक सम्मेलन यथासंभव अधिक से अधिक स्थानों पर आयोजित किए जाने चाहिए और उमर अली शाह का साहित्य, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आया है, उसे सामने लाया जाना चाहिए । उन्होंने सभी साहित्य प्रेमियों से इस दिशा में काम करने का आग्रह किया और विश्वास जताया कि भविष्य में उमर अली शाह का नया युग आएगा और सार्वभौमिक शांति का समाज स्थापित होगा।

ब्रह्मर्षि डॉ. उमर अली शाह का साहित्य – बहुमुखी प्रतिभा विषयक  दो दिवसीय साहित्यिक संगोष्ठी का  शुभारंभ   श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ  के नौवें पीठाधिपति  डॉ. उमर अली शाह, मद्रास विश्वविद्यालय के तेलुगु विभाग के प्रमुख श्री विस्तली शंकर राव, प्रसिद्ध साहित्यकार , आलोचक और तेलुगु अकादमी की पूर्व निदेशक सी.एच.सुशीलाम्मा ने किया।  इस समारोह में   विशिष्ट अतिथि  सुशीलाम्मा , योगालय हैदराबाद के संस्थापक विश्वर्षि वासिली वसंत कुमार, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तेलुगु विभाग के पूर्व प्रमुख शेख मस्तान, हैदराबाद सिटी कॉलेज के तेलुगु व्याख्याता श्री कोयी कोटेश्वर राव आदि ने अपने भाषणों में ब्रह्मर्षि डॉ. उमर अली शाह को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया । जननी संस्था, चेन्नई के अध्यक्ष गुडीमेटला चेन्नय्या ने कवि ब्रह्मर्षि उमर अली शाह के तेलुगु साहित्य, उपन्यास, नाटक और कविताओं में महिलाओं की भूमिकाओं की विशिष्टता, उनके उत्थान, देशभक्ति, सामाजिक सुधार आदि चर्चा की।

इस अवसर पर 66 तेलुगु कवियों, शिक्षकों, भाषा विद्वानों ने ब्रह्मर्षि डॉ. उमर अली शाह के साहित्य पर शोधपत्र प्रस्तुत किए। प्रस्तुत पत्रों को प्रकाशित करने वाली पत्रिका के विशेष अंक का विमोचन श्री विश्व विज्ञान विद्या आध्यात्मिक पीठ  के नौवें पीठाधिपति डॉ. उमर अली शाह ने किया।  चार सर्वश्रेष्ठ पत्रों को एक-एक हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया  गया।

संगोष्ठी में पत्र प्रस्तुतकर्ताओं ने पांच सत्रों में भाषणों के माध्यम से अपने लेखों के सार प्रस्तुत किए।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाली श्रीमती स्वराज्य लक्ष्मी, एस.आर. शर्मा और एलिजाबेथ कुमारी ने एक प्रभावशाली साहित्यिक विश्लेषण के साथ सत्र का समापन किया।

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