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डीआरडीओ प्रलय सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल का करेगा प्रदर्शन
नई दिल्ली। देश के गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड के लिए सेना के जवान कड़ाके की ठंड में रिहर्सल करके पसीना बहा रहे हैं। परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर झांकियों के माध्यम से ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ को प्रदर्शित किया जाएगा। वायु सेना के 40 एयरक्राफ्ट फ्लाईपास्ट करेंगे, जिनमें 22 फाइटर एयरक्राफ्ट होंगे। इस बार एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव और स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस परेड के दौरान उड़ान भरते नहीं दिखेंगे। गणतंत्र दिवस परेड में इस बार भारतीय वायु सेना की कोई भी झांकी नहीं होगी।
वायु सेना के विंग कमांडर मनीष शर्मा ने बताया कि कुल 40 एयरक्राफ्ट रिपब्लिक-डे परेड का हिस्सा बनेंगे। फ्लाईपास्ट में 22 लड़ाकू विमानों, 11 परिवहन विमानों और 7 हेलीकॉप्टरों की शक्ति का प्रदर्शन किया जाएगा। इनमें राफेल, सुखोई-30 और सी-130जे हरक्यूलिस कर्तव्य पथ पर हवाई करतब दिखाएंगे। इसके अलावा तीन डोर्नियर विमान भी गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्सा होंगे। इस बार एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव और स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस परेड के दौरान उड़ान भरते नहीं दिखेंगे। इस माह की शुरुआत में गुजरात के पोरबंदर में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, इसीलिए एएलएच ध्रुव को अभी भी जमीन पर ही रखा गया है और इसका इस्तेमाल फ्लाईपास्ट के लिए नहीं किया जाएगा।
विंग कमांडर ने स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस को परेड का हिस्सा न बनाने के बारे में बताया कि इस बार भारतीय वायु सेना ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए नई पॉलिसी तैयार की है। इसके मुताबिक, तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को शानदार प्रदर्शन के बावजूद सिंगल इंजन होने के कारण बाहर रखा गया है। हालांकि, तेजस ने पहले भी गणतंत्र दिवस परेड के अलावा दुबई और सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय एयर शो में उड़ान भरी है। उन्होंने बताया कि फ्लाईपास्ट को दो भागों में बांटा गया है। दूसरे हिस्से में जटिल संरचनाएं और सटीक युद्धाभ्यास दिखाए जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से होगी। इसमें भारतीय वायु सेना की औपचारिक मार्चिंग टुकड़ी होगी। इस टुकड़ी में चार अधिकारी और 144 प्रतिभागी शामिल होंगे, जो 72 संगीतकारों वाले बैंड की धुनों पर मार्च करेंगे। मार्चिंग धुनों में अंतरिक्ष यात्री, वायु शक्ति, निडर योद्धा और उत्तरी सीमा में वायु सेना की वीरता की भावना को दर्शाया जाएगा। मार्चिंग टुकड़ी के लिए चयनित जवान प्रतिदिन भोर 4:00 बजे से 7 से 8 घंटे तक कर्तव्य पथ अभ्यास करके पसीना बहा रहे हैं। बीटिंग रिट्रीट समारोह में भी वायु सेना के 128 संगीतकार देशभक्ति की धुनें प्रस्तुत करेंगे, जिससे गणतंत्र दिवस समारोह का भव्य समापन होगा।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर झांकियों के जरिए ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ को प्रदर्शित किया जाएगा। इस वर्ष की शुरुआत से ही रक्षा मंत्रालय ने परेड में शामिल होने वाली झांकियों के बारे में निर्णय लेने के लिए परामर्श प्रक्रिया अपनाई है। सबसे पहले रक्षा मंत्रालय सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से झांकियों के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करता है। झांकियों का चयन करने के लिए मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति बनाई गई है, जिसमें कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला और नृत्यकला आदि क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हैं। विचार-विमर्श के लिए अप्रैल, 2024 में हुई वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में मिले सुझावों के आधार पर झांकियों को शामिल किया गया है।
इस बार परेड में आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, दादर नगर हवेली के साथ दमन व दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की झांकियों को शामिल किया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार के 11 मंत्रालयों रऔ, विभागों की भी झांकियां परेड में दिखाई देंगी। चयनित झांकियां देश की विविध शक्तियों और इसकी निरंतर विकसित होती सांस्कृतिकता को प्रदर्शित करेंगी, जो गौरवशाली भविष्य की ओर अग्रसर है। डीआरडीओ परेड में झांकी के जरिए प्रलय सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल का प्रदर्शन करेगा।
साभार -हिस