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ओडिशा सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और ग्लोबल फाइनेंस एंड टेक्नोलॉजी नेटवर्क में हुआ समझौता
भुवनेश्वर। सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम की ओडिशा यात्रा के दौरान ओडिशा सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (ई एंड आईटी) विभाग और ग्लोबल फाइनेंस एंड टेक्नोलॉजी नेटवर्क (जीएफटीएन) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। यह समझौता भुवनेश्वर में एक ग्लोबल कॉम्पिटेंसी सेंटर स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया है, जो फिनटेक और इंस्योरटेक के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देगा। यह पहल भारत और सिंगापुर के बीच 2025 में राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ को चिह्नित करती है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि ओडिशा ने भारत के आईटी सेक्टर में अग्रणी भूमिका निभाई है और अब फिनटेक नवाचारों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। राज्य स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित कर रहा है और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक संसाधनों का उपयोग कर रहा है।
यह समझौता भारत के “2047 तक सबको बीमा” लक्ष्य को समर्थन प्रदान करेगा, जिसमें प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य, जीवन, और संपत्ति का बीमा कवरेज सुनिश्चित करने का लक्ष्य है।
जीएफटीएन के ग्रुप सीईओ सोपनेन्दु मोहंती ने कहा कि ओडिशा में ग्लोबल कॉम्पिटेंसी सेंटर की स्थापना भारत के ‘विकसित भारत 2047’ विजन के साथ मेल खाती है। यह हब ओडिशा की डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को तेज करेगा।
इस मौके पर विशाल देव, प्रधान सचिव, ई एंड आईटी, ओडिशा ने कहा कि ओडिशा के पास फिनटेक क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपार संभावनाएं हैं। सरकार स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल से ओडिशा एक प्रमुख फिनटेक हब के रूप में उभरेगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
इंश्योरटेक हब का उद्देश्य होगा
1. ग्लोबल कॉम्पिटेंसी सेंटर की स्थापना: नए उत्पादों और सॉफ्टवेयर समाधान विकसित करना।
2. एडवांस स्किलिंग सेंटर: फिनटेक और इंस्योरटेक उत्पाद विकास में कौशल उन्नयन।
3. वार्षिक ग्लोबल फोरम का आयोजन: वित्त, प्रौद्योगिकी और सतत विकास पर विचार-विमर्श।
4. नेशनल और ग्लोबल सैंडबॉक्स प्लेटफॉर्म: नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करना।
5. इन्वेस्टर इकोसिस्टम का निर्माण: स्टार्टअप्स और स्केल-अप्स को मजबूती देना।
6. ईएसजी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: पर्यावरण, सामाजिक, और शासन (ईएसजी) मानकों को बढ़ावा देना।
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