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भारत और मालदीव ने द्विपक्षीय वार्ता में ‘व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ पर की चर्चा

  • मालदीव के साथ चल रहे तनावों के बावजूद वार्ता में कूटनीतिक जुड़ाव का संकेत

​नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में भारत की यात्रा पर आए मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। बैठक के दौरान रक्षा सहयोग को ​मजबूत करने से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिससे मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों की क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। आज की चर्चा भारत-मालदीव संबंधों में नई ऊर्जा जोड़ेगी। ​रक्षा मंत्रियों की यह मुलाकात मालदीव के साथ चल रहे तनावों के बावजूद कूटनीतिक जुड़ाव का संकेत है।
मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून के साथ सार्थक वार्ता​ में ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ की दिशा में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की तत्परता की पुष्टि ​हुई। बैठक में रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ाना है। यह बातचीत ​दोनों देशों के बीच उन तनावपूर्ण संबंधों के बाद हुई है​, जब भारत ने मालदीव से अपने सैन्यकर्मियों को वापस बुला लिया था।
​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ​ने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की व्यापक समीक्षा की। वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने भारत-मालदीव व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए संयुक्त दृष्टिकोण को साकार करने में मिलकर काम करने की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। बैठक के दौरान दोनों ​मंत्रियों ने मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बलों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा उपकरणों की आपूर्ति के लिए प्रशिक्षण, नियमित अभ्यास, रक्षा परियोजनाओं, कार्यशालाओं और सेमिनारों सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा ​की।
मालदीव ​के रक्षा मंत्री मौमून ने मालदीव के लिए ‘प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता’ के रूप में भारत की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की।​ उन्होंने रक्षा और सुरक्षाकर्मियों के प्रशिक्षण और आधुनिक अवसंरचना क्षमताओं को बढ़ाने में माले की सहायता के लिए नई दिल्ली को धन्यवाद दिया। मालदीव सरकार के अनुरोध पर भारत ने मालदीव को रक्षा उपकरण और भंडार सौंपे। भारत और मालदीव आध्यात्मिक, ऐतिहासिक, भाषाई और जातीय संबंध साझा करते हैं। मालदीव भारत की ‘पड़ोस पहले’ नीति में एक विशेष स्थान रखता है​, जिसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में स्थिरता और समृद्धि लाना है।
दोनों देश आईओआर की सुरक्षा और संरक्षा बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के भारत के दृष्टिकोण (एसएजीएआर) में योगदान देते हैं। मालदीव के रक्षा मंत्री 10 जनवरी तक तीन दिवसीय भारत यात्रा पर रहेंगे। भारत प्रवास के दौरान वह गोवा और मुंबई भी जाएंगे।
साभार – हिस

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