नई दिल्ली। अनुसूचित जनजातियों से निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को संसद में लाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ‘पंचायत से संसद 2.0’ की शुरुआत करने जा रहा है। लोकसभा सचिवालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किए जाने वाले विशेष कार्यक्रम “पंचायत से संसद 2.0” में देश भर से 500 निर्वाचित महिला प्रतिनिधि भाग लेंगी। यह कार्यक्रम 6 जनवरी को आयोजित किया जाएगा।
शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने अपने आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश के 22 राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली अनुसूचित जनजातियों की 500 निर्वाचित महिला प्रतिनिधि भाग लेंगी। यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक होगा। यह सम्मानित आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर भी आयोजित हो रहा है। उनकी स्थायी विरासत का सम्मान करते हुए, यह कार्यक्रम आदिवासी महिला नेताओं की नेतृत्व क्षमताओं को मजबूत करने और उन्हें अपने समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास है।
इस पहल को महिला सशक्तीकरण के लिए मील का पत्थर बताते हुए रहाटकर ने कहा कि यह पहल जमीनी स्तर पर महिला नेताओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है। उन्हें संवैधानिक सिद्धांतों, संसदीय प्रक्रियाओं और शासन तंत्र से अवगत कराकर, हमारा लक्ष्य उन्हें प्रभावशाली नेतृत्व के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करना है। महिला नेता एक विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण हैं और यह कार्यक्रम उनकी यात्रा का समर्थन करने के लिए एनसीडब्ल्यू की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में आयोजित होने वाले तकनीकी सत्र में राष्ट्रीय नेता मार्ग दर्शन करेंगे। भाग लेने वाले प्रतिभागी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी से मिलेंगे। प्रतिभागी ऐतिहासिक लोकसभा कक्षों, प्रधानमंत्री संग्रहालय और राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा करेंगे।
रहाटकर बताया कि इस कार्यक्रम के तहत प्रतिभागियों का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि “यह बहुत गर्व और विशेषाधिकार का क्षण है कि राष्ट्रपति ने इन महिलाओं को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया है।
साभार – हिस