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देश की आर्थिक स्थिति उथल-पुथल के दौर में, सरकार के पास कोई ठोस समाधान नहींः कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि देश की आर्थिक स्थिति उथल-पुथल के दौर में है। इसके लिए मोदी सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। उसके पास इसका कोई ठोस समाधान नहीं है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज यहां एक बयान में कहा कि देश के आम लोगों के जीवन में व्याप्त अव्यवस्था को सात संकेतकों के माध्यम से आंका जा सकता है। इनमें गोल्ड लोन लेने वालों की संख्या में इजाफा और उसके एनपीए में आया उछाल प्रमुख है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गोल्ड लोन में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि इसके एनपीए में 30 प्रतिशत उछाल आया है। लोगों के घरों में जरूरत की चीजों की खरीद और सेवाओं में पिछली 8 तिमाहियों में गिरावट दर्ज की गई है यानि यह कोविड से पहले वाली स्थिति में नहीं पहुंच पाया है।
खरगे ने कहा कि कार बिक्री में वृद्धि पिछले चार साल के निचले स्तर पर आ गई है। पिछले 5 वर्षों (2019-2023) में इंजीनियरिंग, विनिर्माण, प्रक्रिया और बुनियादी ढांचा (ईएमपीआई) क्षेत्रों में वेतन में केवल 0.8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर से वृद्धि हुई है। पिछली आठ तिमाहियों में खाद्य मुद्रास्फीति औसतन 7.1 प्रतिशत रही है। आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी के रूप में अप्रत्यक्ष कराधान घरेलू बचत को कम कर रहा है जो 50 साल के निचले स्तर पर है।घरेलू वित्तीय देनदारियां अब जीडीपी का 6.4 प्रतिशत हैं, जो दशकों में सबसे अधिक है। रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिससे विदेशी फंड बाहर जाने को मजबूर हो रहे हैं और छोटे निवेशकों को लाखों करोड़ का नुकसान हो रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा इसके लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी आर्थिक नीतियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “मोदी जी आपके वार्षिक ‘नए साल के संकल्प’ हर नागरिक के जीवन को नष्ट करने वाले जुमलों से कम नहीं हैं!”

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने भी इन्हीं मुद्दों पर मोदी सरकार की घेराबंदी की है। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री के “मंगलसूत्र” वाले बयान काे उद्धृत करते हुए कहा कि हमने उसी दौरान गोल्ड लोन में तेज़ी से हुई वृद्धि का मुद्दा उठाया था। अनुमानित रूप से करीब 3 लाख करोड़ रुपये के गोल्ड लोन भारतीय परिवारों के पास हैं, जो आज तक बकाया हैं। अब यह सामने आ रहा है कि ऋणग्रस्तता के बढ़ते मामले और अर्थव्यवस्था के सुस्त होने के साथ, गोल्‍ड लोन ड‍िफॉल्‍ट होने के मामले बढ़ रहे हैं। वर्ष 2024 में मार्च और जून के बीच तीन महीनों में गोल्ड लोन एनपीए का अनुपात 30 प्रतिशत बढ़ा है यानि 5,149 करोड़ रुपये से उछलकर 6,696 करोड़ रुपये हो गया है।

जयराम रमेश ने कहा कि ये तो सिर्फ औपचारिक क्षेत्र के गोल्ड लोन्स हैं जबकि इसका कोई अनुमान नहीं है कि कितने परिवारों ने अनौपचारिक क्षेत्र का सहारा लेकर इस तरह का लोन लिया है। जब परिवार इस तरह के लोन्स के मामलों में डिफॉल्ट करते हैं, तब आम तौर पर उन्हें अपनी सोने की संपत्ति खोनी पड़ती हैं। ज़्यादातर मामलों में महिलाओं के आभूषण होते हैं, जिसमें मंगलसूत्र भी शामिल है।
साभार – हिस

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