नई दिल्ली। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि स्पैडेक्स मिशन का नाम भारतीय डॉकिंग टेक्नोलॉजी रखा गया है क्योंकि यह पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है और भारत डॉकिंग तकनीक से संबंधित इस तरह का पहला प्रयोग कर रहा है।
डॉ. सिंह ने दिल्ली के राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि स्पैडेक्स मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के साथ बहुत मेल खाता है। उन्होंने कहा कि जहां तक डॉकिंग तकनीक का सवाल है, स्पैडेक्स मिशन की लॉन्चिंग भारत द्वारा किए गए पहले प्रयोगों में से एक है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक है और इसीलिए इसे भारतीय डॉकिंग तकनीक नाम दिया गया है। यह प्रधानमंत्री द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र के बिल्कुल अनुरूप है।
वर्ष 2024 के अंत के अवसर पर डॉ. सिंह ने कहा कि वर्ष 2024 भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक उल्लेखनीय यात्रा रही है। भारत के पहले सौर मिशन का उदाहरण देते हुए सिंह ने कहा कि आदित्य मिशन भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक बहुत ही महत्वाकांक्षी मिशन है, जो लॉन्च होने के तीन महीने बाद ही जनवरी 2024 में एल1 बिंदु पर पहुंच गया। इसके अतिरिक्त भारत ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले तीन महीनों के भीतर अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया।
साभार – हिस
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