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अत्याधुनिक जहाज 2027 से मिलेंगे, हिंद महासागर क्षेत्र में मजबूत होगी नौसेना
नई दिल्ली। नौसेना के लिए अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत (एनजीएमवी) के पहले जहाज का निर्माण सोमवार से कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में शुरू हुआ। युद्धपोत उत्पादन अधीक्षक कमोडोर एस पार्थिबन की मौजूदगी में आज ‘स्टील कटिंग’ समारोह हुआ। रक्षा मंत्रालय ने छह एनजीएमवी निर्माण के लिए सीएसएल के साथ मार्च, 2023 में 9,805 करोड़ रुपये का अनुबंध किया था। भारतीय नौसेना में 2027 से इन जहाजों को शामिल करने की योजना है।
नौसेना के मुताबिक एनजीएमवी में अत्याधुनिक हथियार और सेंसर लगाए जाने की योजना है, जिससे भविष्य के लिए भारतीय नौसेना की लड़ाकू क्षमताओं में वृद्धि होगी। इन जहाजों का निर्माण हिंद महासागर क्षेत्र के जटिल समुद्री वातावरण में संचालन करने और आधुनिक नौसेना बनाने के लिए किया जा रहा है। इन जहाजों को सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, मिसाइल रोधी रक्षा प्रणाली, वायु निगरानी और अग्नि नियंत्रण रडार सहित हथियारों और सेंसर से लैस किया जाना है। इन जहाज़ों में लगाए जाने वाले उपकरण स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित किए गए हैं, जो भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के अनुरूप हैं।
अगली पीढ़ी के मिसाइल पोत (एनजीएमवी) भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे सतह रोधी युद्धपोतों की एक श्रेणी है। इन जहाजों का मकसद दुश्मन के युद्धपोतों, व्यापारियों, और ज़मीनी लक्ष्यों पर हमला करना होगा। इनमें ब्रह्मोस जैसी एंटी-शिप या लैंड-अटैक मिसाइलें होंगी। इनमें कम रडार क्रॉस सेक्शन (आरसीएस) जैसी उन्नत स्टील्थ विशेषताएं होंगी। इनकी अधिकतम रफ़्तार 35 नॉटिकल मील प्रति घंटा होगी। इनमें लोइटरिंग म्यूनिशन, मानव रहित वाहन, और अन्य निर्देशित हथियार होंगे। इन जहाजों को शक्ति देने के लिए जनरल इलेक्ट्रिक के एलएम 2500 समुद्री गैस टरबाइन इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। इन इंजन को बनाने का काम जीई एयरोस्पेस करेगा और इन्हें असेंबल और टेस्ट करने का काम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) करेगा।
इसके बाद 15 सितंबर 2023 को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने घोषणा की कि उन्हें एनजीएमवी परियोजना के लिए सेंसर और हथियार उपकरण सहित अत्याधुनिक तकनीक की आपूर्ति के लिए सीएसएल से 2,118.57 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है। सीएसएल ने 29 मार्च 2024 को एनजीएमवी के लिए एलएम 2500 की छह इकाइयों के इन-हाउस निर्माण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 1,173 करोड़ रुपये का एक और सौदा किया। कोचीन शिपयार्ड के मुताबिक प्रत्येक जहाज लगभग 2,200-2,800 टन का होगा। नए जहाजों में 11 अधिकारी, 2 प्रशिक्षु अधिकारी और 80 नाविक होंगे। जहाजों में 360 डिग्री एंटी-मिसाइल डिफेंस के साथ रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकली (ईओ) गाइडेड क्लोज-इन वेपन सिस्टम (सीआईडब्ल्यूएस) भी होंगे।
साभार -हिस