Home / National / उपराष्ट्रपति ने पराली जलाने के लिए व्यवस्था आधारित समाधान का किया आह्वान, कहा हमारी लापरवाही हमें खतरे में डाल रही

उपराष्ट्रपति ने पराली जलाने के लिए व्यवस्था आधारित समाधान का किया आह्वान, कहा हमारी लापरवाही हमें खतरे में डाल रही

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को पराली जलाने के लिए एक व्यवस्था आधारित समाधान खोजने का आह्वान किया और कहा कि इसे केवल व्यक्तियों पर नहीं छोड़ना चाहिए।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि हर साल राष्ट्रीय राजधानी पराली जलाने के कारण होने वाली खतरनाक पर्यावरणीय स्थितियों से प्रभावित होती है। उन्होंने कहा, “हमें नवाचार मोड में आना चाहिए, एक व्यवस्था आधारित समाधान खोजना चाहिए, इसे व्यक्तियों पर नहीं छोड़ना चाहिए। व्यवस्था को समय के साथ विकसित होना चाहिए।”

धनखड़ ने कहा कि हमारी उपेक्षा और लापरवाही हमें कई तरीकों से संकट में डाल रही है। इससे हमारी सेहत, काम के घंटे का नुकसान, सामान्य जीवन का विघटन और प्रदूषण के कारण स्कूलों के बंद होने पर बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की समस्या सामाजिक बाधाओं को समाप्त कर देती है। इससे अमीर, गरीब, शहरी और ग्रामीण सभी प्रभावित होते हैं, इसलिए हमें मिलकर काम करना होगा।
हमारी सभ्यता की आस्थाओं और पारंपरिक ज्ञान का उल्लेख करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमारा सभ्यतागत ज्ञान एक धरोहर है। हमारे पास हजारों वर्षों की सभ्यता का ज्ञान है, हमारे वेद, पुराण, हमारे महाकाव्य महाभारत, रामायण, और भगवद गीता का ज्ञान, यदि हम इस सोने की खान को देखें, तो हमें वास्तविक प्रेरणा मिलती है कि संरक्षण हमेशा जीवन का एक प्रमुख तत्व रहा है।
संविधान में पर्यावरण के संरक्षण के लिए मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख करते हुए धनखड़ ने कहा कि संविधान ने हमें मौलिक अधिकार दिए हैं लेकिन साथ ही मौलिक कर्तव्य भी दिए हैं। जब परिवार, समाज, समूह या राष्ट्र के सामने कोई चुनौती होती है, तो हम अपने अधिकारों को परे रखते हैं और कर्तव्यों को प्राथमिकता देते हैं।
संपत्ति के जिम्मेदार उपयोग पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी वित्तीय ताकत, हमारी वित्तीय शक्ति प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा के उपयोग के लिए एक निर्धारण कारक नहीं हो सकती। अगर लोग सोचते हैं कि वे इसे वहन कर सकते हैं, तो मैं उन्हें अपने विचारों को फिर से देखने का आह्वान करता हूं। यह आपका नहीं है। यह पूरी मानवता का है और इसलिए हम पर यह दायित्व है कि संसाधनों का उचित उपयोग हो, ऊर्जा का उचित उपयोग हो।
इस अवसर पर राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक, ऊर्जा मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

भाजपा ने दिल्ली सरकार की डॉ. आंबेडकर सम्मान स्कॉलरशिप योजना पर उठाया सवाल

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भजापा) ने दलित छात्रों के लिए आज घोषित दिल्ली सरकार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *