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भारतीय नौसेना ने पुरी के ब्लू फ्लैग बीच पर ऑपरेशनल डेमो में दिखाई समुद्री ताकत

  • नौसेना बैंड की मधुर ध्वनि के बीच सलामी के बाद राष्ट्रपति ने परेड का निरीक्षण किया

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने बुधवार को नौसेना दिवस पर ओडिशा में पुरी के ब्लू फ्लैग बीच पर ​ऑपरेशनल प्रदर्शन (ऑप डेमो) के माध्यम से अपनी ​ऑपरेशनल शक्ति का प्रदर्शन किया। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर​ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के समक्ष हुए ऑपरेशन डेमो के लिए 3500 से अधिक कर्मियों को समुद्र में प्लेटफॉर्म पर तैनात किया गया और 350 कर्मी तट पर समन्वय में शामिल हुए​​।​ राष्ट्रपति मुर्मु को पहुंचने पर सबसे पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया​।​ उन्होंने नौसेना बैंड की मधुर ध्वनि के बीच परेड का निरीक्षण किया, जिसके बाद उन्हें सलामी दी गई​।​
राष्ट्रपति के मंच पर पहुंचने के बाद​ हवाक एयरक्राफ्ट से बमबारी का प्रदर्शन​ किया गया​।​ इसके बाद चेतक हेलीकॉप्टरों ने आसमान में नौसेना का ध्वज फहराकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की​।​ इसके बाद मार्कोस कमांडो ने एडवांस लाइट ​हेलीकॉप्टरों ​से समुद्र ​में उतरकर तट पर दुश्मनों की चौकी को नष्ट करके बंधक को छुड़ाने का प्रदर्शन करके बंधक को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया​।​ मरीन कमांडो ऑपरेशन पूरा करने के बाद ​​रस्सी की सहायता से हेलीकॉप्टरों​ पर सवार होकर लौट गए​।​ इसके बाद एरियल​, मार्कोस​, एम्फीबियस​, डेमो, सबमरीन सेल पास्ट, एरियल​ और सरफेस फायरिंग​ का भी प्रदर्शन किया गया।​ ​​
नौसेना के कैप्टन विवेक मधवाल ने बताया कि ऑपरेशन डेमो में 90 हजार टन के संयुक्त भार वाली इकाइयां शामिल हुईं, जिनके पास 300 किलोमीटर के दायरे में सतह, उप-सतह या हवा से आने वाले किसी भी खतरे को बेअसर करने की क्षमता वाले हथियार और सेंसर थे। यह दूसरी बार है, जब किसी बड़े नौसैनिक स्टेशन के अलावा किसी अन्य समुद्री तट पर नौसेना दिवस मनाया गया है। ​पिछले साल नौसेना दिवस पर भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर सिंधुदुर्ग किले में जहाजों और विमानों के जरिये ‘ऑपरेशनल प्रदर्शन’ करके भारत के परिचालन कौशल और क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया था।
भारतीय नौसेना पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह पर नौसेना के दुस्साहसिक हमले ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ की याद में 04 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाती है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि नौसेना ओडिशा के साथ ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंध साझा करती है। प्राचीन ओडिशा अपने व्यापक समुद्री संबंधों के लिए प्रसिद्ध था, जो इसकी पहचान और समृद्धि के लिए थे। ओडिशा एक प्रमुख समुद्री शक्ति थी, जिसकी बंगाल की खाड़ी में विदेशी व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की समृद्ध परंपरा थी। ओडिशा के व्यापारी और नाविक लंबी यात्राओं पर निकलते थे, जिससे दूर-दूर के देशों के साथ संबंध बनते थे।
नौसेना दिवस समारोह में भारतीय नौसेना की स्वदेशी अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन किया गया, जो भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को आगे बढ़ाने का माध्यम था। इसके अलावा नौसेना ने क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के दृष्टिकोण से निर्देशित हिंद महासागर क्षेत्र में ‘पसंदीदा सुरक्षा साझेदार और प्रथम प्रतिक्रिया’ बनने का संकल्प भी लिया।​ सागर परिक्रमा​ पर निकलीं आईएनएसवी तारिणी पर सवार लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए​ ने नौसेना के दक्षिणी प्लेटफॉर्म दक्षिणी महासागर ​से हर भारतीय को नौसेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ​दी।
साभार – हिस

 

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